दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने चाइनीज लोन ऐप रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने रैकेट से जुड़े 22 लोगों को अरेस्ट किया है। चीन से चल रहे करोड़ों के इस वसूली रैकेट में चीनी नागरिकों ने इस तरह के 100 से अधिक ऐप बनाए हुए हैं जिन पर तुरंत लोन देने का झांसा दिया जाता है।
नई दिल्ली : चीनी लोन ऐप के वसूली सेंटरों ने पुलिस एजेंसियों के एक्शन के डर से अब धीरे-धीरे अपना अड्डा पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। यह बड़ा खुलासा स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने किया है। दूसरी ओर, चीनी लोन ऐप्स के खिलाफ लगातार छप रही खबरों, जागरूक होते लोग और पुलिस की दबिश से अधिकतर कॉल सेंटरों को बंद कर दिया है। चीन और हॉन्गकॉन्ग से पीड़ितों का डेटा इन कॉल सेंटर को भेज दिया जाता है। छानबीन में पता चला कि हर खाते में एक दिन में एक करोड़ की रकम वसूली के जरिये आ जाती थी। इन लोगों ने ऐसे सैकड़ों खाते खोले हुए थे। इन खातों में आई रकम को हवाला और क्रिप्टो करेंसी के जरिये चीन भेज दिया जाता था। बदले में चीनी नागरिक भारत में बैठे लोगों को अच्छा कमीशन देते थे। आशंका है कि यह रकम हजारों करोड़ रुपये में हैं।
इंटरनेशनल सिंडिकेट से जुड़े 22 लोगों की गिरफ्तारी
तफ्तीश में चीनी लोन ऐप से जुड़े इंटरनैशनल सिंडीकेट के 22 लागों को आईएफएसओ यूनिट ने गिरफ्तार किया है। देशभर के कई राज्यों से पकड़े गए इन आरोपियों की पहचान नेहा डोंगरे, विजय, शेख अर्फातुद्दीन, नवनीत कुमार भारती, रोहित कुमार, विविध, सुप्रीत शेट्टी, मंगल मोहन, आकाश सनकांबले, निखिल युवराज कदम, पुनीत, मनीष, दिव्या, रवि शंकर उर्फ कृष्णा, सुमित, दीप कुमार उर्फ कार्तिक, जितेंद्र, हरप्रीत सिंह, पंकज कुमार, जुहैब हसन, दीपक दूबे और अनिल चाहर के रूप में हुई है।
चीनी नागरिकों ने इस तरह के 100 से अधिक ऐप बनाए हैं
आरोपियों के पास से 51 मोबाइल फोन, 25 हार्ड डिस्क, 9 लैपटॉप, 19 डेबिट कार्ड, तीन कारें और चार लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं। पकड़े गए आरोपियों में सुप्रीत अपने कॉल सेंटर का निदेशक है, मंगल मोहन मैनेजर और बाकी सभी लोग भी कॉल सेंटर में काम करते हैं या उनके खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था।चीन से चल रहे करोड़ों के इस वसूली रैकेट में चीनी नागरिकों ने इस तरह के 100 से अधिक ऐप बनाए हुए हैं जिन पर तुरंत लोन देने का झांसा दिया जाता है। आईएफएसओ डीसीपी के. पी. एस. मल्होत्रा के मुताबिक, चीनी लोन ऐप्स के जरिये वसूली की अनेकों शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। लोगों को फंसाकर मोबाइल से फोटो चोरी कर उनको अश्लील बनाकर उसके जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था। पुलिस ने छानबीन में फिलहाल इस तरह के 100 से अधिक ऐप गूगल प्ले स्टोर पर होने का पता चला।
चीन और हॉन्गकॉन्ग के सर्वर को भेजते थे डेटा
लोन के लिए कथित रूप से केवाईसी करते समय पीड़ितों से फोन की उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट, चैट्स, इमेज समेत अन्य महत्वपूर्ण डेटा का एक्सेस लेते थे। डेटा लेने के बाद उसे चीन और हॉन्गकॉन्ग के सर्वर को भेज दिया जाता था। वहां से पीड़ितों की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उनको ब्लैकमेल कर वसूली की जाती थी। पिछले कुछ समय में हवाला और क्रिप्टो करंसी के जरिये 500 करोड़ से अधिक की रकम चीन भेज चुके हैं। पुलिस ने एप्लीकेशन कोड, कॉड डिटेल और बैंक खातों की जांच से पता लगाया कि आरोपियों ने दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार समेत दूसरे राज्यों में अपने ठिकाने बनाए हुए हैं।