Pakistan Crisis India: जिहाद, कट्टरपंथ, आतंकवादी… साथ-साथ चले थे भारत-पाकिस्तान, एक ‘विश्व गुरु’ तो दूसरा क्यों हो गया कंगाल, समझिए

Pakistan Debt Crisis : एक तरफ भारत है जो अपने पड़ोसियों को वैक्सीन और आर्थिक मदद मुहैया कराता है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान है जो अपने पड़ोसियों के खिलाफ इरादे रखता है। चाहें भारत हो या अफगानिस्तान, पाकिस्तान अपने पड़ोस में अशांति ही फैलाता रहा है।

pakk (10)इस्लामाबाद : कट्टरपंथी को बढ़ावा और आतंकवाद को पनाह देकर कोई भी मुल्क तरक्की नहीं कर सकता। पाकिस्तान पूरी दुनिया में इस बात का जीता-जागता उदाहरण बन चुका है। तरक्की तो बहुत दूर की बात है, फिलहाल पाकिस्तान सरकार देश को पतन से बचाने के लिए हाथ-पांव मार रही है। लेकिन पाकिस्तान इस गर्त में कैसे पहुंचा? राजनीतिक अस्थिरता और लगातार बदलती सरकारों की गलत नीतियों ने इस्लामिक देश को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। वर्तमान में पाकिस्तान बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपने आप में एक युद्धरत देश बन गया है।

एशियन लाइट की रिपोर्ट कहती है कि जिहाद के नाम पर उग्रवाद और चरमपंथ को बढ़ावा और पनाह देने वाले पाकिस्तान ने शायद ही कभी दीर्घकालिक आर्थिक विकास पर ध्यान दिया। अपनी अवाम के विकास के बजाय उसका फोकस अपने पड़ोसी के साथ जंग या छद्म युद्ध छोड़ने पर ज्यादा रहा। पाकिस्तान पर इस वक्त दिवालिएपन के बादल मंडरा रहे हैं। शहबाज सरकार आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज की मांग कर रही है ताकि देश को ‘करो या मरो’ की स्थिति में जाने से रोका जा सके।

आने वाले हैं और भी बुरे दिन

आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के दौरे पर है लेकिन आर्थिक पैकेज के साथ कठिन समय तेजी से अवाम की ओर बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज सरकार को यह कर्ज हासिल करने के लिए सब्सिडी में भारी कटौती और राजस्व बढ़ाने के लिए कई जन-विरोधी फैसले लेने होंगे। रिपोर्ट रेटिंग एजेंसी Moody’s की ओर से जारी एक बयान का हवाला देती है जिसमें कहा गया है कि ‘मुल्क की कर्ज चुकाने की क्षमता संप्रभु देशों में सबसे कमजोर है।’

2023 में चुकाने होंगे 33 बिलियन डॉलर

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की रिपोर्ट के हवाले से एशियन लाइट की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान 250 बिलियन डॉलर से अधिक के कर्ज का सामना कर रहा है। पाकिस्तान की वहन क्षमता से कहीं ज्यादा है। साल 2023 में उसे 33 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना होगा। पाकिस्तान रुपए की लगातार गिरावट, 267.48 प्रति डॉलर के रेकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंचना, इस संकट को और भी बदतर बना रहा है।

भारत-पाकिस्तान में इतना क्यों?

1947 में विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान ने विकास की ओर अपना सफर एक साथ शुरू किया था। लेकिन आज दोनों देशों में जमीन आसमान का अंतर है। कभी हिंदुस्तान पर राज करने वाला इंग्लैंड आज अर्थव्यवस्था में भारत से ही पीछे हो गया है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था इसलिए बन पाया क्योंकि उसने कृषि, तकनीक, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया। आज भी भारत नेपाल, भूटान, श्रीलंका जैसे अपने पड़ोसियों को साथ लेकर चल रहा है। लेकिन पाकिस्तान ने कृषि के बजाय आतंकवाद का बीज बोया और हमेशा अपने पड़ोसियों की पींठ में छुरा घोंपने की फिराक में रहा। यही वजह है कि आज दोनों देशों में जमीन-आसमान का अंतर है।