Pakistan economy: श्रीलंका की तरह खतरे की तरफ बढ़ रहा है पाकिस्‍तान, टॉप अर्थशास्‍त्री बोले- सबकुछ खो चुका है देश

पाकिस्‍तान (Pakistan) के एक टॉप के अर्थशास्‍त्री ने देश के आर्थिक हालातों को लेकर चेतावनी दी है। एक के बाद एक कई ट्वीट कर इस अर्थशास्‍त्री ने कहा है कि पाकिस्‍तान के रुपये अपनी 20 फीसदी कीमत गंवा चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों बड़े संकट का सामना करेगा।

 
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इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तानी मूल के टॉप इकोनॉमिस्‍ट आतिफ मियां ने देश की स्‍थ‍िति को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उन्‍होंने कहा है कि रुपए की कीमत गिरने के बाद स्थिति और बिगड़ने वाली है। उन्‍होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कहा कि पिछले तीन माह में पाकिस्‍तानी रुपए की कीमत में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। उन्‍होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती जो पाकिस्‍तान के सामने है, वो है विश्‍वसनीयता के साथ निवेशकों और जनता को वापस लाना। उन्‍होंने लिखा है कि विदेशों की दया पर निर्भर पाकिस्‍तान सबकुछ खो चुका है। राजनीतिक तबका इस पाप का सबसे बड़ा भाागीदार है। देश में ऊर्जा से लेकर दवाईयों और यहां तक खाने की चीजों को भी आयात किया जा रहा है।

इंडस्‍ट्रीज पूरी तरह बेकार
आतिफ मियां की मानें तो ये देश अब बिल्‍कुल भी सक्षम नहीं है। उन्‍होंने कहा कि जब तेल की कीमतें बढ़ रही थीं तो पाकिस्‍तान दुनिया में सबसे सस्‍ता तेल बेच रहा था। आतिफ ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा है कि पीटीआई सरकार ने घरेलू स्‍तर पर तेल की कीमतों को कम किया और इसमें छूट देनी शुरू कर दी। ऐसे में पाकिस्‍तान कैसे इसके लिए कीमत अदा कर पाएगा?
आतिफ ने कहा, ‘देश के रियल एस्‍टेट और शुगर सेक्‍टर सबसे ज्‍यादा फायदे वाले सेक्‍टर्स थे मगर अब ये पूरी तरह से बेकार हो चुके हैं। कर और छूट का तरीका ऐसा होना चाहिए जो कुछ फायदा दे सके। साथ ही अर्थव्‍यवस्‍था को महिलाओं के लिए खोल देना चाहिए।’ स्‍टेट बैंक ऑफ पाकिस्‍तान की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबल 224.5 के आंकड़ें पर बंद हुआ था। देश के वित्‍त मंत्री मिताफ इस्‍माइल की मानें तो बाजार में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से दहशत का माहौल है और अगले कुछ दिनों में ये ठीक हो जाएगा।

श्रीलंका के रास्‍ते पर देश
इससे अलग विदेश नीति के जानकारों का मानना है कि पाकिस्‍तान भी अब श्रीलंका की राह पर है। उन्‍होंने कहा है कि अब पाक के लिए भी खतरे की घंटे की बजने लगी है। पाकिस्‍तान के पत्रकार जाहिद हुसैन ने डॉन में लिखे लेख में डराने वाली बातें कही हैं। उन्‍होंने लिखा है, ‘हम शायद श्रीलंका वाली स्थिति में नहीं हैं लेकिन हम उससे दूर नहीं है और उसके लक्षण दिखने लगे हैं। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष के साथ बातचीत और मित्र देशों से मिलने वाली मदद आना बाकी है। देश की हालत अच्‍छी नहीं है।’ प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार ने कुछ ऐसे उपाय किए हैं जो जनता को पसंद नहीं आ रहे हैं। उन्‍होंने फ्यूल की कीमतों को बढ़ाया है और बड़े स्‍तर की इंडस्‍ट्रीज पर सुपर टैक्‍स लगाया है।