पाकिस्तान को बाढ़ राहत के तौर पर दुनियाभर के देशों से अरबों डॉलर की मदद मिली है। अब जर्मनी ने पाकिस्तान को 80 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। इससे पहले अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय यूनियन, संयुक्त राष्ट्र, एशियाई विकास बैंक ने मदद की घोषणा की थी। पाकिस्तान में बाढ़ से 1700 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस्लामाबाद: आर्थिक तंगी से गुजर रहा पाकिस्तान पूरी दुनिया में घूम-घूमकर बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद मांग रहा है। इसी कड़ी में अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बाद अब जर्मनी ने 80 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। यह पैसा पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के जर्मनी दौरे पर मिला है। इस पैसे को पाने से गदगद बिलावल भुट्टो ने मौका देखकर कश्मीर राग भी अलाप लिया। उन्होंने जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में असहज करते हुए कश्मीर को लेकर जमकर जहर उगला। जर्मनी ने भी मौका देखकर पाकिस्तान को प्राकृतिक आपदा पीड़ित देश बताकर संवेदना व्यक्त की। पाकिस्तान में भारी बारिश के बाद आए सैलाब में करीब 1700 लोगों की मौत हो गई तथा 20 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
बिलावल भुट्टो ने जर्मनी में बाढ़ का रोना रोया
पाकिस्तान को फसलों, सड़कों, पशुओं, पुलों, घरों, स्कूलों और चिकित्सा सुविधाओं के बह जाने से सरकार के अनुमानों को 30 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने विनाशकारी बाढ़ से पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देश है। बारबॉक ने कहा कि पाकिस्तान में मौजूदा तबाही दुनिया को जलवायु परिवर्तन के नाटकीय परिणामों के बारे में एक चेतावनी है। द्विपक्षीय संबंधों पर, जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि बर्लिन आर्थिक क्षेत्रों में इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों में विविधता लाने का इरादा रखता है और पाकिस्तान में निवेश करने की भी उम्मीद कर रहा है।
एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय यूनियन ने भी दिए पैसे
जर्मनी के पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने इस सप्ताह की शुरुआत में 2.3 बिलियन डॉलर की बाढ़-राहत सहायता प्रदान करने की घोषणा की थी। यूरोपीय संघ (ईयू) ने भी अपनी बाढ़ सहायता को बढ़ाकर 30 मिलियन यूरो (6.7 बिलियन पाकिस्तानी रुपये) कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के लिए अपनी मानवीय सहायता अपील को 160 मिलियन डॉलर से पांच गुना बढ़ाकर 816 मिलियन डॉलर कर दिया। संयुक्त राष्ट्र ने अंदेशा जताया कि पाकिस्तान में जल जनित बीमारियों में बढ़ोत्तरी हो सकती है और देश भुखमरी की ओर बढ़ सकता है। इस बीच पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को 160 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषमा में से अब तक केवल 90 मिलियन डॉलर ही मिले हैं।
अमेरिका ने पाकिस्तान को दी है अरबों डॉलर की मदद
शहबाज सरकार के गठन के बाद से पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में तेजी आई है। अमेरिका ने हाल में ही चार साल से खाली पड़े राजदूत के पद पर डोनाल्ड ब्लोम को नियुक्त किया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान को बाढ़ राहत के तौर पर अमेरिका ने 66 मिलियन डॉलर की भारी-भरकम मदद भी की है। अमेरिका के इशारे पर कई देशों और संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री भी भेजी है। इन राहत सामग्रियों को लेकर अब तक 131 विमान पाकिस्तान पहुंच चुके हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने शिकायत की है कि या तो उन्हें बहुत कम सहायता मिली है या फिर वे अब भी मदद का इंतजार कर रहे हैं।
पाकिस्तान में खाद्य असुरक्षा का संकट गहराया
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने शनिवार को जारी अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा बाढ़ से पाकिस्तान में खाद्य असुरक्षा के और गहराने की आशंका है और सितंबर से नवंबर महीने के बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 57 लाख लोगों को गंभीर खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, इस विनाशकारी बाढ़ से पहले भी पाकिस्तान की लगभग 16 फीसदी आबादी मध्यम या गंभीर स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही थी। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने जोर देकर कहा है कि खाद्य आपूर्ति को लेकर तत्काल चिंता करने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि देश के पास अगले कटाई सत्र तक के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार है और सरकार अतिरिक्त गेहूं का आयात भी कर रही है।
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