पाकिस्तान ने इस्लामिक देशों के सहारे फिर उठाया कश्मीर मुद्दा, तो भारत ने याद दिलाया बांग्लादेश का नरसंहार

भारत ने UNHRC में जवाब देने के अधिकार (Right of Reply) का इस्तेमाल करते हुए इस्लामी राष्ट्रों के इस समूह को आड़े हाथों लिया. (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र. जम्मू-कश्मीर को लेकर इस्लामिक राष्ट्रों के समूह (OIC) की ओर से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पेश किए गए ‘तथ्यात्मक रूप से गलत और अनुचित संदर्भ’ को भारत ने सिरे से खारिज किया है. भारत ने UNHRC में जवाब देने के अधिकार (Right of Reply) का इस्तेमाल करते हुए इस्लामी राष्ट्रों के इस समूह को आड़े हाथों लिया. भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर ‘दुर्भावनापूर्ण प्रचार’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस्लामाबाद को ‘अपना घर दुरुस्त करने की सलाह दी जानी चाहिए.’

दरअसल पाकिस्तान सहित 57 सदस्य देशों के साथ इस्लामिक सहयोग संगठन या ओआईसी ने मंगलवार को मानवाधिकार परिषद में भारत पर ‘कश्मीर की स्थिति को बदलने के लिए अवैध एकतरफा कार्रवाई’ और कश्मीर में जनसांख्यिकीय परिवर्तन करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.

इसके जवाब में भारत ने कहा कि वह ‘ओआईसी के बयान में भारत के लिए तथ्यात्मक रूप से गलत और अनुचित संदर्भों को खारिज करता है. भारत ने कहा, ‘हमें खेद है कि ओआईसी देश, जिनके साथ हमारे घनिष्ठ संबंध हैं, पाकिस्तान को भारत विरोधी दुष्प्रचार को बढ़ावा देने के लिए अपने मंच का दुरुपयोग करने से रोकने में विफल रहे हैं.’

पाकिस्तान का बांग्लादेश में नरसंहार का शर्मनाक इतिहास
भारत ने साथ ही कहा, ‘पाकिस्तान का अपने लोगों के मानवाधिकारों की हिफाजत के मामले में एक खराब रिकॉर्ड है. 50 साल पहले पूर्वी पाकिस्तान, जो अब बांग्लादेश है वहां नरसंहार का इसका शर्मनाक इतिहास सर्वविदित है और इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं है.’

भारत ने अपने जवाब में साथ ही कहा, ‘पाकिस्तान का अपने अल्पसंख्यकों के लिए धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता का अधिकार सुनिश्चित करने में सबसे खराब रिकॉर्ड रहा है. पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार रक्षकों को लक्षित करने और राजनीतिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और पत्रकारों और असंतोष को कुचलने के लिए न्यायेत्तर अपहरण, जबरन गायब कर दिया जाना, मनमाने ढंग से हिरासत में लेना और यातनाओं का इस्तेमाल राज्य नीति के उपकरण के रूप में किया गया है. बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों में लोगों ने दशकों से राजनीतिक और अन्य दमन तथा उत्पीड़न का सामना किया है.’

कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की नाकाम कोशिश करता रहा है पाकिस्तान
दरअसल जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने के कई प्रयास किए हैं. इनमें से ज्यादातक कोशिशें ओआईसी के माध्यम से किया गया है, जो भारत की निंदा करते हुए बयान जारी करता रहा है.

पिछले महीने ही जम्मू-कश्मीर के विभाजन की तीसरी वर्षगांठ पर OIC ने भारत पर ‘अवैध एकतरफा कार्रवाई’ का आरोप लगाया था और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के माध्यम से ‘विवाद’ को हल करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया था. हालांकि तब भी भारत ने इस मुंहतोड़ जवाब दिया था.