इस्लामाबाद. जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ की मार झेल रहे पाकिस्तान ने अब शहरों को बचाने के लिए अपने मुख्य हाईवे को तोड़ने का निर्णय लिया है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार अधिकारियों ने दक्षिणी पाकिस्तान के दादू शहर में पानी के प्रवाह और बाढ़ को रोकने के लिए देश के सिंधु राजमार्ग, एक प्रमुख परिवहन लिंक को तोड़ने की योजना बनाई है. रिपोर्ट के मुताबिक दादू जिले में कम से कम तीन पॉइंट ऐसे हैं जहां सिंधु राजमार्ग पूरी तरह से जलमग्न है, जबकि उत्तर और दक्षिण को जोड़ने वाले पाकिस्तान के अन्य राजमार्ग भी बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
मुख्य राजमार्ग को तोड़ने के फैसले पर दादू के जिला आयुक्त सैयद मुर्तजा अली शाह ने कहा कि देश के अन्य सभी बाढ़ प्रभावित हिस्से पुनर्वास चरण में जा रहे हैं, लेकिन दादू अभी पानी में डूबा हुआ है. इस वजह से पानी को निकालने के लिए प्रशासन हाईवे को तोड़ने पर विचार कर रहा है. आगे शाह ने कहा कि जिले का 90% हिस्सा जलमग्न है, दादू शहर अभी भी बाढ़ की जद में है. हालांकि बाढ़ से त्रस्त पाकिस्तान की मदद को दुनिया भर के देश समेत संयुक्त राष्ट्र ने भी हाथ बढ़ाये हैं.
जुलाई और अगस्त में देश में 391 मिमी (15.4 इंच) बारिश, या 30 साल के औसत से लगभग 190% अधिक बारिश होने के बाद संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने आपदा के बाद पुनर्निर्माण योजना विकसित करने के लिए पाकिस्तान की जरूरतों का आकलन करने पर काम शुरू कर दिया है. सिंध के दक्षिणी प्रांत में औसत से 466% अधिक बारिश हुई है और 15 लाख की आबादी वाले दादू जिले से होकर ही अधिकतर बाढ़ का पानी गुजरता है.
पाकिस्तान के उत्तर में रिकॉर्ड मॉनसून और ग्लेशियर्स के पिघलने से आई बाढ़ ने तीन करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित किया है जिसमें कम से कम 1,391 लोगों की जान चली गई है. पाकिस्तान का अनुमान है कि नुकसान की लागत $30 बिलियन है, और सरकार और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस दोनों ने बाढ़, एक्सट्रीम वेदर और इसके परिणामस्वरूप होने वाली तबाही के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है.