पाकिस्तानी हवाओं की भी निगरानी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बनाएगा परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में चार जगह पाकिस्तान की सीमा पर बसे डेरा बाबा नानक, डेराबस्सी, नया नंगल और बरनाला में नए परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करने का फैसला लिया है। यह पूरा काम इंटरनेशनल कंपनी के सहयोग से किया जाएगा।

प्रदूषण
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पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मोहाली के डेराबस्सी समेत प्रदेश में चार और स्थानों पर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन) स्थापित करेगा। इससे हवा की शुद्धता का आसानी से पता चल सकेगा। इतना ही नहीं, पाकिस्तान से आने वाली हवाओं का भी बेहतर तरीके से आकलन किया जा सकेगा। वहीं, हर साल धान की कटाई के मौके पर पंजाब पर वायु को प्रदूषित करने के लगने वाले आरोपों से ये स्टेशन छुटकारा दिलाने में सहायक बनेंगे। अगर सब सही रहा तो आने वाले साल में राज्य को इसका तोहफा मिल जाएगा।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में चार जगह पाकिस्तान की सीमा पर बसे डेरा बाबा नानक, डेराबस्सी, नया नंगल और बरनाला में नए परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करने का फैसला लिया है। यह पूरा काम इंटरनेशनल कंपनी के सहयोग से किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने इंटरनेशनल कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। उम्मीद है कि अगले महीने किसी कंपनी को काम अलॉट कर दिया जाएगा। इसके बाद परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करने और चालू करने की प्रक्रिया होगी। अधिकारियों की मानें तो इसमें कम से कम तीन महीने का समय लगेगा, क्योंकि स्टेशन स्थापित करने के साथ ही इनमें मशीनरी की फिटिंग बिजली के कनेक्शन से लेकर अन्य औपचारिकताएं भी पूरी करनी होती हैं।

पांच किलोमीटर पर स्थित है पाकिस्तान
डेरा बाबा नानक गुरदासपुर जिले में स्थित है। इससे मात्र पांच किलोमीटर आगे भारत-पाक सीमा स्थित है। इसके बाद पाकिस्तान का इलाका शुरू हो जाता है। इस इलाके में खेतीबाड़ी की जाती है। खेतों में धान की कटाई के बाद इस मौसम में सीमा के उस पार पाकिस्तान में भी पराली जलाई जाती है। ऐसे में जब वहां से हवाएं चलती हैं तो भारत में प्रवेश करती हैं। आगे दिल्ली की ओर बढ़ती हैं। ऐसे में पराली जलाने की वजह से फैले प्रदूषण को लेकर पंजाब और दिल्ली में जुबानी जंग छिड़ जाती है। पंजाब कई बार तर्क देता है कि पाकिस्तान से प्रदूषित हवा आ रही है। लेकिन अब परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन से इसका सही आकलन हो पाएगा

छह शहरों में कार्य कर रहे वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन 
बता दें कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन) के जरिये प्रदूषण पर सतत नजर रखी है। हालांकि सीमा के पास कोई ऐसा स्टेशन नहीं था।

ऐसे काम करेगा यह स्टेशन
परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन अति आधुनिक होंगे। अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। इससे विभाग को हर समय रियल टाइम डॉटा मिलेगा। इस स्टेशन से हर 15 मिनट के बाद पूरा डाटा विभाग को भेजा जाएगा। अगर कोई आपात स्थिति बन जाती है, तो यह डाटा का बैकअप रखने में सक्षम रहेगा। 15 दिन और हर महीने वायु की गुणवत्ता का तुलनात्मक अध्ययन इंटरनेशनल मानकों पर किया जाएगा। यह डाटा कंप्यूटर और मोबाइल पर आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा। इसके अलावा कुछ जगह पर एयर क्वालिटी डिसप्ले स्क्रीन भी लगाई जाएगी।

100 तक संतोषजनक है एक्यूआई
सीपीसीबी के मुताबिक शून्य से 50 के बीच एक्यूआई के स्तर को ‘अच्छा’ और 51-100 के बीच को ‘संतोषजनक’ माना जाता है। इसके बाद 101-200 तक ‘मध्यम’, 201-300 तक ‘खराब’,  301-400 तक ‘बहुत खराब’ और 401-500 तक ‘गंभीर’ माना जाता है।