फसल किस्मों, प्रौद्योगिकियों का मूल्यांकन करेंगे पालमपुर और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय

प्रदेश का कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षणिक को लेकर एक साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों विवि के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

कृषि विश्वविद्यालय पालमपु

हिमाचल प्रदेश का कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षणिक को लेकर एक साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों विवि के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता ज्ञापन कुलपति प्रो. एचके चौधरी और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसएस गोसल की मौजूदगी में हुआ। दोनों विश्वविद्यालयों की सिफारिशों को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दोनों राज्यों में विभिन्न स्थानों पर फसल किस्मों और पारस्परिक हित की अन्य प्रौद्योगिकियों का संयुक्त मूल्यांकन करेंगे। फसलों के विकास के लिए दोनों राज्यों की लाभकारी फसलों गेहूं और धान के विविध रोगों पर एक साथ काम किया जाएगा। सीमावर्ती जिलों में सामान्य कृषि मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त प्रयोग करने पर सहमति जताई गई है।

कुलपति प्रो. चौधरी ने कहा कि उनके संस्थान में देसी मक्का, लाल चावल, अदरक, जड़ी-बूटियां, औषधीय पौधे, जैविक खेती, उनके प्रसंस्करण और विपणन आदि और पीएयू की गेहूं, धान, सफेद सरसों, गन्ना, सब्जियों आदि पूरक अनुसंधान शक्तियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जैविक और अजैविक प्रभावों के रूप में पारस्परिक हित की फसलों में शोध कार्य किया जाएगा। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर छात्रों के अनुसंधान कार्यक्रमों में सहयोगी विश्वविद्यालय से सलाहकार समिति के सदस्यों को शामिल करने के साथ सहयोग होगा। इससे पहले कुलपति चौधरी ने डॉ. एसएस गोसल को पीएयू लुधियाना के नए कुलपति का पदभार संभालने के लिए बधाई दी। कहा कि चैसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के लिए हमारे मूल संस्थान पीएयू के साथ हाथ मिलाना गर्व की बात है। पीएयू और कृषि विश्वविद्यालय हितों के सभी क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ. एसपी दीक्षित और पीएयू लुधियाना की ओर से कुलसचिव डॉ. शम्मी कपूर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।