Palm Oil का भाव एक साल के निचले स्तर पर, आपके चॉकलेट-बिस्किट का भाव घटाने के मूड में नहीं हैं कंपनियां

एफ़एमसीजी कंपनियों का कहना है कि अन्य कच्चे माल के भाव में हुई वृद्धि की वजह से उनके मार्जिन पर असर पड़ रहा है. खाने के तेल बनाने वाली कंपनियों ने हालांकि कहा है कि वे palm oil के भाव घटने का फायदा ग्राहकों को उपलब्ध करा रही हैं और ग्राहकों के लिए कुकिंग ऑयल की कीमत में काफी कमी आई है.

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एफएमसीजी कंपनियां हालांकि आपको कोई राहत देने वाली नहीं है

नई दिल्ली: पाम ऑयल का भाव 1 साल के निचले स्तर पर आ गया है. प्रोसैस्ड फूड से लेकर कॉस्मेटिक्स और साबुन के साथ बिस्किट-चॉकलेट जैसी कई जरूरी चीजों में पाम ऑयल एक महत्वपूर्ण तत्व है. जून के बाद से आम ऑयल अपने निचले स्तर पर आ चुका है. एफएमसीजी कंपनियां हालांकि आपको कोई राहत देने वाली नहीं है क्योंकि उनका कहना है कि अन्य कच्चे माल के भाव में हुई वृद्धि की वजह से उनके मार्जिन पर असर पड़ रहा है. खाने के तेल बनाने वाली कंपनियों ने हालांकि कहा है कि वे palm oil के भाव घटने का फायदा ग्राहकों को उपलब्ध करा रही हैं और ग्राहकों के लिए कुकिंग ऑयल की कीमत में काफी कमी आई है.

हिंदुस्तान युनिलीवर जैसी कंपनियां पाम ऑयल से कई प्रोडक्ट बनाती है. हिंदुस्तान युनिलीवर और नेस्ले जैसी बड़ी कंपनियों ने कहा है कि पाम ऑयल के भाव घटने के बाद भी कच्चे माल के भाव में तेजी की वजह से वे ग्राहकों को कोई राहत देने नहीं जा रही है. कंपनियों का कहना है कि पिछले 12 महीने में कई कमोडिटी के भाव बढ़े हैं. गेहूं और चीनी के भाव में काफी तेजी आई है.

कंपनियों का कहना है कि ग्राहकों के लिए फ़ाइनल प्रोडक्ट तैयार करने वाले कच्चे माल की कीमत थोड़ी नरमी आई है, लेकिन ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट के भाव में कमी करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पिछले 1 साल से कंपनियां बढ़ी हुई कमोडिटी का बोझ उठा रही हैं. उन्होंने इस बीच अपने प्रोडक्ट के भाव में इतनी वृद्धि नहीं की है, जितनी कमोडिटी के रेट बढ़ गए हैं.

इस वजह से अब जबकि कमोडिटी के भाव निचले स्तर पर आ गए हैं, उसका फायदा ग्राहकों को देने से कंपनियां हिचक रही हैं. पारले के मयंक शाह ने कहा, “छोटे पैक की कीमत में कमी करना अभी संभव नहीं है. यह सच है कि palm oil के भाव में कमजोरी आई है लेकिन इस बीच गेहूं और चीनी के भाव में 10 से 15 फ़ीसदी की तेजी आ गई है.”

कंपनियों का कहना है कि बिस्किट और चॉकलेट के बड़े पैक पर 10-15 फीसदी की कमी की गई है और कंपनियां यह देख रही है कि क्या फेस्टिव सीजन में बिक्री बढ़ाने के लिए भाव में और कमी की जा सकती है.

एक और एफएमसीजी कंपनी के सीईओ सौरभ सेठ ने कहा, “पाम आयल के भाव में कमी आई है लेकिन यह कई जरूरी एलिमेंट में से एक है. हमारे फ्रूट जैम में कई और चीजें पड़ती है जिनके भाव पिछले 12 महीने में बढ़े हैं. इसके साथ ही किराया बढ़ने की वजह से कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ा है.”

पाम ऑयल 5 मई के भाव में कमी आने से कंपनी को मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलेगी. चोको पाई और राइस क्रैकर्स जैसे ब्रांड बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि बड़ी खरीदारी पर त्योहारी सीजन में ग्राहकों को इनाम देने की योजना बना रही है.