लगता है, भाजपा सरकार के दिन ठीक नहीं चल रहे है। एक तरफ तो, विभिन्न मोर्चे, सरकार के खिलाफ नारे बाजी कर, घेराव में लगे हैं । दूसरी और भाजपा नेताओं, मंत्रियों ,और सांसदों के ब्यान के कारण , जयराम सरकार की किरकिरी हो रही है। पहले आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह, अब सांसद सांसद किशन कपूर के ब्यान ने, एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। जिसे देख कर ऐसा लग रहा है ,हिमाचल में राम राज्य नहीं बल्कि, हिटलर राज्य चल रहा है। मंत्री और नेता अधिकारीयों और कर्मचारियों की ,क्लास लेने में तुले हुए है। अपने आप को रोबदार साबित करने के चक्कर में ,कर्मचारियों के विभिन्न संघों को सरकार के खिलाफ, खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गलती का अहसास होने पर, बाद में माफ़ी मांगने में भी देर नहीं लगाते है। अब ऐसा ही विवाद, कांगड़ा में ,सांसद किशन कपूर ने खड़ा कर दिया है जिसमे, पंचायत सचिवों के खिलाफ ,उनके द्वारा टिप्पणी की गई ,और कहा गया कि, सचिवों की वजह से हिमाचल का विकास नहीं हो पा रहा है। वह विधायक को भी, गुमराह करते है। जो वह बर्दाश्त करने वाले नहीं है। वह यही नहीं रुके ,उन्होंने कहा कि, सचिवों की क्लास लेनी ज़रूरी है।
अब इस ब्यान को लेकर, पंचायत सचिव संघ सोलन द्वारा , विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सांसद के ब्यान की, कड़ी निंदा की गई। संघ ने मीडिया के माध्यम से, सांसद किशन कपूर से, प्रश्न पुछा की क्या पंचायत सचिव ,अपने किसी निजी स्वार्थ के लिए, माननीय सांसद विधायक या किसी अन्य मन्त्री जी से ,राशि की मांग करते हैं ? या पंचायत के प्रधान उप-प्रधान या वार्ड सदस्य को, अपने सांसद या विधायक से, राशि मांगने का अधिकार नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह , महोदय जी से यह भी पूछना चाहते हैं कि, केन्द्र सरकार द्वारा जो सांसद निधि, आपको दी जाती है, वह किन विशेष कार्यों पर खर्च की जानी है? इसके अलावा माननीय महोदय से ,पंचायत सचिव संघ जिला सोलन, यह भी जानना चाहता है कि, उनके द्वारा किस समय में एक पंचायत सचिव, 11 या 12 पंचायतों में अपनी सेवाएं देते थे ।