हिमाचल प्रदेश की 3 हजार 226 पंचायतों में चौकीदार के पद पर तैनात कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से उन्हें नियमित करने की मांग उठाई है. अपनी मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश चौकीदार संघ शिमला के कालीबाड़ी के नजदीक क्रमिक अनशन पर बैठा हुआ है. हिमाचल प्रदेश चौकीदार महासंघ के अध्यक्ष जगदीश चंद ने प्रदेश सरकार से चौकीदारों को लेकर स्थाई नीति निर्माण की मांग की है, उन्होंने बताया कि चौकीदार लंबे समय से 5 हजार 300 रुपए के वेतन पर काम कर रहे हैं महंगाई के इस दौर में उनके लिए घर-परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है. अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर
कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर से मुलाकात की, लेकिन मुलाकात में आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
चौकीदार संघ के अध्यक्ष जगदीश चंद्र ने कहा कि साल 1951-52 में पंचायतों का गठन हुआ. 1961-62 में पंचायतों में सेक्रेटरी और चौकीदार के ही पद थे. इसके बाद से कई वर्गों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से नियमितीकरण की नीति बनाई गई, लेकिन चौकीदारों के बारे में कुछ नहीं सोचा. उन्होंने कहा कि पंचायत में काम करने वाला चौकीदार पंचायत कार्यालय का हर काम कर रहा है. यहां तक कि कोर्ट की ओर से आने वाले समन (Summon) भी चौकीदार पंचायतों में पहुंचाने का करते हैं. इसके अलावा उनसे पंचायत के कार्यालय के अन्य भी करवाए जाते हैं लेकिन उनके लिए कोई नीति नहीं बनाई जा रही है.
हिमाचल प्रदेश चौकीदार संघ के अध्यक्ष जगदीश चंद ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन वह रिज मैदान पर आत्मदाह कर लेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.