जूते-चप्पल त्यागे शिवराज के मंत्री का पंचनामा, बोले- लिखो कब बनेंगी शहर की सड़कें

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में सड़कों की बदतर दशा नहीं सुधारे जाने पर विरोध स्वरूप ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जूता-चप्पल पहनना छोड़ दिया। इसके बाद भी सुधार नहीं होने पर उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से एक पंचनामा पत्र लिखवाया है, जिसमें अधिकारियों ने आश्वासन दिया है, आगामी 30 जनवरी तक सड़कों की दशा सुधार ली जाएगी।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर
ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर –

मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर एक्शन मूड में हैं। यही कारण है कि ग्वालियर शहर की खराब सड़कों को लेकर अभी हाल में ही उन्होंने जूते-चप्पल त्याग दिए। लगातार वह गंदे पानी और शहर की खोदी गई सड़कों का निरीक्षण कर रहे हैं। निर्देशों के बावजूद अधिकारी उनकी बातों को नहीं सुन रहे। ऐसे में उन्होंने अब एक नया तरीका अपनाया है, मंत्री ने जनता से माफी मांगते हुए निगम अधिकारियों से पंचनामा लिखवाया है कि वह कब तक सड़कों की मरम्मत करवा देंगे।

शिवराज के मंत्री का पंचनामा
बता दें कि इस पंचनामा में अधिकारियों ने लिखकर दिया है कि वह जनवरी 2023 तक ग्वालियर विधानसभा की सड़कों की मरम्मत करेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर का यह पंचनामा अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। हाल में ही उर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने अपनी विधानसभा की खराब सड़कों को लेकर अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की। साथ ही लोगों से माफी मांगते हुए उन्होंने जूते-चप्पल त्याग दिए। उनका कहना है, जब तक शहर की सड़कें नहीं बन जाती हैं, तब तक वह जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे।

मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का पंचनामा

इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री तोमर को निरीक्षण के दौरान लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सीवर और पानी की लाइन डालने के लिए सड़कें खोदी गई हैं। लेकिन उन्हें सुधारा नहीं गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार अधिकारियों से बातचीत कर चुके हैं, लेकिन जर्जर सड़कों को सुधारने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं सुन रहा। उसके बाद ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों से कहा कि एक कागज पर लिखकर दो कि सड़कें कब तक ठीक हो जाएंगी और उसके बाद इस पंचनामा पर निगम के अधिकारियों ने 30 जनवरी 2023 तक के सुधारने का दावा किया है।

गृहमंत्री रहते हुए गरीबों के आवास के लिए हिम्मत कोठारी ने भी छोड़ी थीं चप्पलें…
रतलाम जिले में साल 2006 में तत्कालीन गृह मंत्री हिम्मत कोठारी ने भी चप्पलें त्याग दी थीं। गरीबों के आवास के लिए उन्होंने अपने खर्च पर करीब 1200 परिवारों को टिन शेड, ईंटें, सीमेंट, बल्ली आदि उपलब्ध करवाए थे, लेकिन वे साल 2008 में विधानसभा चुनाव हार गए। इससे पहले साल 1982-83 में कोठारी ने चप्पलें छोड़कर जनसहयोग से एक-एक रुपया जुटाकर बाल चिकित्सालय का निर्माण करवाया था।