Father tops with inspiration of children: मां-पिता को बच्चों को प्रेरित करते हुए आपने देखा सुना होगा। लेकिन राजस्थान में उलट मामला सामने आया है। यहां बच्चों ने पिता में उत्साह भरा, जिसके बाद पिता ने जिला जज भर्ती परीक्षा में टॉप किया है। पिता के असफल होने पर बच्चों ने उन्हें दोबारा प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
जयपुर: हौसले की तरकश में, कोशिश की उस तीर को जिंदा रखो, हार जाओ चाहे जिंदगी में सब कुछ मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिंदा रखो…। राजस्थान के वकील लोकेंद्र सिंह शेखावत की जिंदगी में ये लाइन बिल्कुल सटीक बैठती है। पेशे से वकील लोकेंद्र सिंह शेखावत जिला जज काडर भर्ती परीक्षा में फेल होने पर बेहद मायूस हो गए थे, लेकिन तभी उनके बच्चों ने कुछ उनके अंदर का आत्मविश्वास जगाया। उसके बाद लोकेंद्र ने वह सफलता हासिल की है कि जिसकी खुशी वह शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे हैं। लोकेंद्र कहते हैं कि आमतौर पर मां-पिता बच्चों में उत्साह भरते हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में ठीक उलट हुआ है।
जिला जज काडर भर्ती-2020 के टॉपर बने हैं लोकेंद्र शेखावत
लोकेंद्र शेखावत ने एक जयपुर के एक स्थानीय हिंदी दैनिक से बातचीत में कहा कि उन्होंने लॉ की डिग्री ही इसलिए हासिल की ताकि किसी दिन जज बन सकें। वह अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वकालत की प्रैक्टिस करने के साथ जज भर्ती परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे। वह पिछले चार साल से परीक्षा की तैयारी में जुटे थे। जिला जज भर्ती परीक्षा के पहले प्रयास में लोकेंद्र असफल रहे। चार साल के प्रयास के बाद भी मिली इस असफलता से उनका मनोबल टूट चुका था। लोकेंद्र सोचने लगे थे कि अब उन्हें जीवन पर वकालत के पेशे में ही रहना होगा।
पिता को निराश देखकर बच्चों ने उनके अंदर उत्साह भरने का काम किया। लोकेंद्र के छोटे बच्चों ने कहा- ‘पापा आप हमारे सुपर हीरो हो, आप फेल नहीं हो सकते। अगली बार जोरदार तैयारी करके परीक्षा देना।’ बच्चों की जुबान से ये बातें सुनकर लोकेंद्र में एक अलग किस्म का उत्साह भर आया और उन्होंने दोबारा से तैयारी शुरू कर दी। वह हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस करने के बाद रोजाना करीब 4 घंटे जज भर्ती परीक्षा की तैयारी करते। जिला जज काडर भर्ती-2020 का फाइनल रिजल्ट आया तो उनके बच्चों की कही लाइनें और उनकी खुद की मेहनत रंग लाई। लोकेंद्र शेखावत इस परीक्षा में टॉपर रहे।लोकेंद्र ने बताया कि आमतौर पर माता-पिता बच्चों को पढ़ाई के लिए टोकते हैं। उनके मामले में मामला उलट रहा। उन्होंने बताया कि पत्नी डॉ सुमन राठौड़ और बेटी देवांशी 15 और बेटे ध्रुव 11 ने उन्हें जिला जज भर्ती परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित किया। बच्चे घर में शोर-शराबा से भी बचते ताकि पिता शांत माहौल में पढ़ाई कर सकें। राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन ने जिला जज काडर भर्ती-2020 के लिए 14 नवंबर को इंटरव्यू लिया था। रिजल्ट आने पर पूरा परिवार खुशी से झूम रहा था। लोकेंद्र शेखावत ने पहला स्थान हासिल किया था। वकील कोटे के 85 पदों पर तीन हजार आवेदकों में से चार ही साक्षात्कार तक पहुंच पाए। वहीं न्यायिक अधिकारी कोटे के 17 पदों के लिए कोई भी अधिकारी पात्र नहीं पाया गया था।