हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पराशर को नई राहें नई मंजिलें योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा, ताकि पराशर में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके. यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को पराशर ऋषि मंदिर परिसर में जनसभा को संबोधित करते हुए कही. सीएम यहां पर दो दिवसीय सरानाहुली मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करने पहुंचे थे.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पराशर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इन्हें बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र को और विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके लिए मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि पराशर में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के के लिए देवता व वन विभाग की भूमि का प्रयोग किया जाएगा.
वहीं सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सरानाहुली मेला देव आस्था, पर्यटन, मनोरंजन, खेल तथा व्यापार की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण मेला है. उन्होंने कहा कि विभिन्न मेलों, देव परंपराओं के प्रसार और संरक्षण, स्वरोजगार, कृषि, बागवानी तथा पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में सड़कों के निर्माण के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा कि 17 करोड़ रुपये की लागत से ज्वालापुर-पराशर सड़क, 15 करोड़ रुपये की लागत से मंडी-कटौला-बजौरा सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य व 7 करोड़ रुपये की लागत से टिहरी-कांलग-पराशर-पन्टोंस सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
द्रंग क्षेत्र में 25 करोड़ रुपये की लागत से घटासनी-बरोट सड़क का सुदृढ़ीकरण, 18 करोड़ रुपये की लागत से पधर में लघु सचिवालय का निर्माण कार्य, 10.73 करोड़ रुपये के व्यय से क्लस्टर विश्वविद्यालय के तहत नारला महाविद्यालय भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसके अलावा क्षेत्र की 23 ग्राम पंचायतों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 81 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजकीय माध्यमिक विद्यालय खलबूट को उच्च विद्यालय में स्तरोन्नत करने व मुख्यमंत्री लोक भवन बनाने की घोषणा की.