बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अनेक देशों की हालत खराब है। रोजगार छिन रहे हैं और मुद्रास्फीति बढ़ रही है, उस स्थिति में भी यह देश बदल रहा है। उन्होंने कहा विपक्षी दल की न कोई वैचारिक प्रतिबद्धता है और न जनता के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सदन में खड़े हो गए जिसके जवाब में निशिकांत दुबे ने कहा कि बैठ जाइए सुनना पड़ेगा। यदि फंड शब्द पर आपत्ति है तो सहायता देने की कोशिश यह शब्द तो ठीक है। उन्होंने कहा कि टमाटर, आलू ,प्याज के भाव मार्च में क्या थे और अब क्या है। क्या इसके लिए सरकार को बधाई नहीं देना चाहिए। उनके इस बयान पर कांग्रेस सदस्यों की ओर से दोबारा हंगामा शुरू हो गया। निशिकांत दुबे ने नूर का शेर सुनाया कहा कि सच घटे या बढ़े तो सच ना रहे, झूठ की कोई इंतहा नहीं। कांग्रेस का झूठ का इतिहास है और वह किसी चीज पर बहस नहीं करना चाहती।
निशिकांत दुबे ने कहा कि कोविड के बाद अनेक देशों की हालत खराब है, सभी जगह रोजगार छिन रहे हैं। मुद्रास्फीति बढ़ रही है, उस स्थिति में भी यह देश बदल रहा है, खुश है और यहां गांव, गरीब, आदिवासी किसान को सम्मान मिल रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस सरकार के आने से पहले सदन में किसानों की आत्महत्या के विषय पर कई बार बात होती थी लेकिन पिछले आठ साल में किसानों की आत्महत्या का विषय सदन में एक भी बार नहीं उठा क्योंकि इस सरकार ने किसानों को ताकत दी है और वे आत्महत्या करने को मजबूर नहीं हो रहे हैं।
एक खबर का हवाला देते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि 2011 से लेकर 2014 तक भी बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत एक हजार से अधिक थी। कांग्रेस ने पब्लिक को मूर्ख बनाने, वोटबैंक की राजनीति के लिए ऑयल बांड जारी किये। जिसके एवज में 2020 के बाद से 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक भारत सरकार को लौटाना पड़ रहा है।