सोलन के विधायक और पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश डॉ कर्नल धनीराम शांडिल ने जारी ब्यान में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के निर्णय का स्वागत किया है और कहा की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के कुशल नेतृत्व में पार्टी हमेशा से मजबूत और एकजुट हुई है और पार्टी के लिए उनके बलिदान को सर्वोच्च बताया है।
देश के लिए उनके परिवार के लोगों ने शाहदत दी और उन्होंने पार्टी का नेतृत्व उस वक़्त किया जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी। तत्कालीन प्रधानमत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार की नाकामियों और उनके विफल शाइनिंग इंडिया अभियान को देश की जनता के बीच बखूबी से उजागर किया और देश में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार को 10 वर्षो के लिए सत्ता में लाकर देशवासियों की सेवा की।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के समय उनका त्याग सदैव याद किया जाएगा जिन्होंने देश के उच्च प्रधानमंत्री पद का त्याग किया और अपनी जगह देश के जाने माने अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का नाम प्रस्तावित किया ।
डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार पूरे 10 साल चली। इस सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू की जिससे ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने में काफी हद तक मदद मिली।
इसी सरकार ने सूचना का अधिकार कानून भी लागू किया जिसके जरिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए। इस सरकार के कार्यकाल के दौरान अर्थव्यवस्था और औद्योगिक एवं कृषि उत्पादन के क्षेत्र में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।
सरकार ने सब्सिडी को गलत हाथों में जाने से बचाने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम की शुरुआत की। वैश्विक मंदी के ऐसे दौर में, जब दुनिया के कई देशों में आर्थिक संकट काफी गहरा हो गया, भारत की अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार 6 फीसदी के आसपास बनी रही। 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से 1 अप्रैल 2010 को केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया।
अभी हाल ही में जिस प्रकार से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराने की बीजेपी की नाकाम कोशिश को राष्ट्रीय अध्यक्षा के कुशल हस्तक्षेप से सम्भाला गया वह बहुत ही सराहनीय है। आज जिस तरह से गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की संयुक्त बैठक बुलाई है जिसमे सितंबर में होने वाली NEET और JEE की परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग पर चर्चा होगी और साथ ही इस बैठक में राज्यों के बकाए जीएसटी पर भी चर्चा होगी उनके सफल नेतृत्व की क्षमता का प्रमाण है।