हाथ-पैर की मांसपेशियों के साथ जोड़ों को मजबूती देता है पर्वतासन योग, जानिए इसका तरीका और अन्य लाभ

पर्वतासन योग के लाभ

फिटनेस को बेहतर बनाए रखने और कई प्रकार की शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए विशेषज्ञ सभी लोगों को नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करने की सलाह देते हैं। योग के अभ्यास से शारीरिक निष्क्रियता को दूर करने के साथ रक्त संचार को बढ़ाने, मांसपेशियों की कठोरता को दूर करने और तंत्रिकाओं से संबंधित विकारों में लाभ पाया जा सकता है। बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता के कारण  कई प्रकार की क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ गया है, इससे बचाव के लिए योगासनों के अभ्यास को लाभकारी माना जाता है।

योग विशेषज्ञों के मुताबिक सभी उम्र के लोगों के लिए नियमित रूप से पर्वतासन योग के अभ्यास की आदत विशेष लाभप्रद हो सकती है। यह आसन जोड़ों की समस्याओं को दूर करने के साथ मांसपेशियों को लचीला बनाने और हाथों-पैरों को मजबूत करने में मदद करती है।

शारीरिक निष्क्रियता के साथ शरीर के लचीलेपन में आई समस्याओं को दूर करने में भी इस योग के अभ्यास के लाभ देखे गए हैं। आइए पर्वतासन योग से होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।

पर्वतासन योग का तरीका
पर्वतासन योग कैसे किया जाता है?

पर्वतासन योग के अभ्यास की आदत सभी आयु के लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है। इस योग के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे दोनों हाथों और पैरों के पंजों को जमीन पर रखें। कमर को त्रिकोणीय आकार की तरह ऊपर जितना बन सके उतना खींचें। आसन के दौरान आपके शरीर का आकार इस प्रकार दिखाई देना चाहिए जैसे कि कोई पर्वत खड़ा हो। लंबी-गहरी श्वास का अभ्यास करें और कुछ समय तक इसी स्थिति में बने रहें। इसके बाद पूर्ववत अवस्था में आ जाएं।

रीढ़ और पैरों के लिए पर्वतासन योग के लाभ

पर्वतासन योग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ

पर्वतासन योग के अभ्यास से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। योग विशेषज्ञ नियमित रूप से इसके अभ्यास की सलाह देते हैं।

  • यह आसन त्रिक चक्र को सक्रिय करने में मदद करता है।

  • रीढ़ को लचीला बनाने और शरीर को फिट रखने में मदद करता है।

  • तंत्रिका तंत्र को आराम देने और मन शांत रखने में इस योग के लाभ हैं।

  • यह रक्त के प्रवाह को शरीर के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों में बढ़ाने में सहायक है।

  • इस योग के अभ्यास से पेट के अंगों को पोषण मिलता है, जिससे पाचन से संबंधित विकारों को दूर किया जा सकता है।

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नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योगगुरु से संपर्क कर सकते हैं।