नागरिक उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव कूणा के 42 वर्षीय नैन सिंह को अधरंग जैसा दौरा पड़ने पर यहां road न होने के चलते अस्पताल पंहुचाने मे ग्रामीणों की पूरी रात बीत गई। गांव वालों के अनुसार नैन सिंह को लकड़ी व कपड़े के पांजड़ी कहलाने वाले Traditional structure से सड़क तक लाने मे 3 घंटे लग गए। इसके बाद 108 Ambulance ने बढ़ोल गांव में 2 घंटे तक इंतजार कराया और फिर करीब डेढ़ घंटे का वक्त Sangrah Hospital पंहुचने मे लगा।
कूणा गांव में यह इस तरह की पहली घटना नही और यहां चल न सकने वाले हर मरीज को खराब रास्ते से खड़ी चढ़ाई में पांजड़ी स्टेचर मे कंधो पर उठाकर बडोल गांव अथवा सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। सबसे अधिक समस्या गर्भवती महिलाओ को सड़क तक पहुंचाने में आती है। ग्रामीणों के अनुसार कुछ मरीज़ तो मरीज अस्पताल पंहुचने से पहले ही दम तोड देते है। स्थानीय ग्रामीण नरेश शर्मा ने बताया कि, वर्ष 2016 में इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो हुआ, मगर ठेकेदार द्वारा 2 साल की तय अवधि मे पूरा नही किया गया।
ग्रामीणों ने Power Minister सुखराम चौधरी से भी NABARD के तहत बन रहे इस लंबित Road की शिकायत की थी। हिमाचल के ऊर्जा मंत्री चौधरी ने जून 2021 तक निर्माण कार्य पूरा करके के निर्देश विभाग को दिए थे। लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने बताया कि, करीब 4 करोड़ के 5 Kilometer बड़ोल-चुनोटी सड़क का निर्माण कार्य लंबित रखने वाले ठेकेदार को कई Notice के अलावा 10व% पैनल्टी भी की जा चुकी है। उन्होने कहा कि, अगले साल तक Road व Bridge का निर्माण कार्य पूरा करवाया जाएगा। MO संगड़ाह डॉ अनुप्रिया ने बताया कि, मरीज की हालत मे सुधार है।