Patna University student union election: पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव की घोषणा कर दी गई है। नवंबर में छात्र संघ चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जी हां, ये वहीं पटना यूनिवर्सिटी है, जहां लोकनायक के ‘परिवर्तन’ क्रांति को धार मिली। पीयू के छात्र संघ चुनाव से ही बिहार के कई कद्दावर नेताओं का देश की सियासत में प्रवेश हुआ। इसी पॉलिटिकल ‘प्ले स्कूल’ के सियासी प्रोडक्ट हैं लालू यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी।
पटना : बिहार के पटना विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की घोषणा हो गई है। अलगे महीने इससे जुड़ी सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन’ की तर्ज पर बने पटना विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। ये विश्वविद्यालय बिहार की सियासत का पॉलिटकल ‘प्ले स्कूल’ भी रहा है। एक ऐसा ‘प्ले स्कूल’ जिसके सियासी ‘प्रोडक्ट’ पूरे देश में मशहूर हुए। इस विश्वविद्यालय से निकले छात्रों ने राजनीति, कला और साहित्य के क्षेत्र में खूब नाम कमाया। अब इसी विश्वविद्यालय में एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बज चुका है। वर्तमान में विश्वविद्यालय कैंपस भले हॉस्टल के छात्रों के खूनी संघर्ष का अखाड़ा बन गया हो। एक समय ऐसा था जब जेपी के संपूर्ण क्रांति की कहानी का पहला अध्याय यहीं लिखा गया।
नीतीश कुमार की राजनीतिक नर्सरी
पटना विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से कई बड़े नेता निकले हैं। जिनमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी। इनके अलावा रविशंकर प्रसाद, रामविलास पासवान और अश्विनी चौबे पटना विवि की छात्र संघ चुनाव से अपनी राजनीति शुरू की थी। पटना विवि की स्थापना 1917 में अंग्रेजों ने की, जो देश का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। उस समय यूनिवर्सिटी का कार्यक्षेत्र नेपाल और उड़ीसा तक फैला था।