Uttarakhand Bus Accident: उत्तराखंड बस हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है। बस के पीछे चल रही दूल्हे की गाड़ी के ड्राइवर ने कहा है कि बस में कुछ खराबी थी। पहले से समस्या होने के कारण ही इस प्रकार का हादसा हुआ है। इस हादसे में 32 बारातियों की जान चली गई।
पौड़ी: पौड़ी बस हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है। बस के पीछे चल रही दूल्हे की गाड़ी के ड्राइवर ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है। पौड़ी बस हादस में 32 लोगों की जान चली गई। बस में 50 लोग सवार थे। कोटद्वार, रिखणीखाल से बीरोंखाल जाने वाल सड़क पर सिमड़ी के पास बरातियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर पूर्वी नयार नदी की घाटी में जा गिरी थी। हादसा मंगलवार देर शाम 7 बजे हुआ। इस मामले ने उत्तराखंड में एक बार फिर हलचल मचा दी। सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत पूरा प्रशासनिक महकमा इस भीषण दुर्घटना से निपटने में लगा। अब इस मामले में जो खुलासा हो रहा है, वह अलग ही कहानी को बयां कर रहा है।
पौड़ी गढ़वाल बस दुर्घटना को लेकर दावा किया गया है कि बस में पहले से ही कुछ समस्या थी। दूल्हे की गाड़ी के चालक धर्मेंद्र ने इस मामले में कहा कि हमें लग रहा था कि गाड़ी में कुछ परेशानी है। इसलिए हमने उसे अपने पीछे चलने के लिए कहा था। एक स्थान पर हम सड़क के किनारे रुके और बस चालक आगे निकल गया। मोड़ पर पहुंचते ही टायर का ‘कमानी पत्ता’ टूट गया और बस खाई में जा गिरी।दूल्हे की गाड़ी के चालक के ताजा बयान से सवाल उठने लगे हैं कि आखिर खराबी वाले बस में बारातियों को बैठाया ही क्यों गया था? अगर पहले से दुर्घटना की आशंका थी तो बारातियों को इसकी जानकारी दी गई थी या नहीं?
पौड़ी गढ़वाल की इस दुर्घटना में 32 जानें चली गई। 18 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। घायलों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। मंगलवार पूरी रात और बुधवार को दिन भर एसडीआरएफ की ओर से सर्च ऑपरेशन चला। घायलों को रेस्क्यू किया गया। घटनास्थल पर स्वयं सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। सर्च ऑपरेशन को तेज करने के निर्देश दिए। डीजीपी से लेकर तमाम प्रशासनिक महकमा जुटा रहा। इसके बाद देर शाम एसडीआरएफ की ओर से सर्च ऑपरेशन पूरा कर लिए जाने का दावा किया गया।
हालांकि, इस दुर्घटना ने परिवारों को गहरा जख्म दे दिया। साथ ही, सुलगते सवाल छोड़ दिए हैं कि आखिर इस प्रकार की खराब बसों को सड़कों पर दौड़ाए जाने की आजादी कैसे दे दी जाती है?