अश्वनी खड्ड में आ रहे गंदे पानी के चलते नगर निगम सोलन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में आने वाले दिनों में पेयजल संकट गहरा सकता है। गंदे पानी के कारण जल शक्ति विभाग द्वारा अश्वनी खड्ड पेयजल योजना को फिलहाल बंद रखा गया है और वहां से पानी के सैंपल एकत्र कर जांच के लिए भेजे गए हैं। इस योजना के बंद होने से शहर की जलापूर्ति का भार अकेले गिरि पेयजल योजना पर आ गया है। हालांकि जल शक्ति विभाग की मानें तो पेयजल कमी को पूरा करने के लिए गिरि से लिफ्टिंग बढ़ाई गई है। लेकिन यदि सैंपल की रिपोर्ट आने में देरी या फिर दूषित पानी की मुहर लगती है तो शहर के लोगों को पेयजल समस्या से दो-चार होना पड़ सकता है।
गौर रहे कि नगर निगम सोलन पेयजल आपूर्ति के लिए अश्वनी खड्ड योजना व गिरि पेयजल योजना पर निर्भर है। करीब दो दिन पूर्व अश्वनी खड्ड में बह रहे दूषित पानी के चलते लोग पसोपेश में पड़ गए हैं। लोगों का कहना है कि दूषित पानी से जलजनित रोग बढऩे का अंदेशा बना हुआ है। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जल शक्ति विभाग ने तुरंत ही अश्वनी खड्ड योजना को बंद कर दिया है और वहां से पानी के सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे हैं। विभाग अब रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है।विभागीय अधिकारियों का मानना है कि दो दिनों के भीतर सैंपल की रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हो जाएगी, जिसके बाद आगामी कदम उठाए जाएंगे। लेकिन इन सभी के बीच सोलन शहर में पानी का संकट गहरा सकता है। क्योंकि यदि रिपोर्ट आने में ज्यादा समय लगता है तो गिरि पेयजल योजना से प्रतिदिन की आपूर्ति कर पाना विभाग के लिए भी टेढ़ी खीर साबित हो सकता है, वहीं यदि रिपोर्ट में पानी के सैंपल फेल होते हैं तो भी विभाग को इसे दुरुस्त करने के लिए समय लगेगा। ऐसे में शहर की पेयजल आपूर्ति पर संकट आना लगभग निश्चित है। (एचडीएम)
पिछले 24 घंटों में दिया 88 लाख लीटर पानी
जल शक्ति विभाग द्वारा निगम को 24 घंटे के भीतर औसतन 85-95 लाख लीटर पानी दिया जाता है। यह आपूर्ति दोनों योजनाओं से मिलकर की जाती है। अश्वनी खड्ड योजना के बंद होने के बाद अब सारा दारोमदार गिरि पेयजल योजना पर आ गया है। विभाग की मानें तो गिरि पेयजल योजना से दिन-रात लि िटंग की जा रही है और मंगलवार से बुधवार सुबह 8 बजे तक करीब 88 लाख लीटर पानी निगम को मुहैया करवाया गया है।