निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने कहा कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद हर किसी का ध्यान रूस की ओर आकर्षित हुआ है, लेकिन अमेरिका, नाटो और जी-7 देशों ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि विश्व की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चीन एक खतरा बन चुका है।
जर्मनी के श्लॉज एल्मौ में हाल ही में हुई जी-7 देशों की बैठक में तिब्बत में मानवाधिकारों की बात करना नीतिगत स्तर पर एक बड़ा बदलाव है। इससे पता चलता है इन देशों का चीन-तिब्बत संघर्ष पर ध्यान केंद्रित है। यह बात धर्मशाला में निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने कही। उन्होंने कहा कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद हर किसी का ध्यान रूस की ओर आकर्षित हुआ है, लेकिन अमेरिका, नाटो और जी-7 देशों ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि विश्व की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चीन एक खतरा बन चुका है।
वहीं, सेरिंग ने कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा के 6 जुलाई को जन्मदिवस समारोह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कार्यक्रम में शामिल होना भारत सरकार के पदाधिकारियों की बढ़ती हुई भागीदारी की ओर इशारा कर रहा है। दलाईलामा के पिछले जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात कर शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने बताया कि वैश्विक समुदाय में उन्हें विशेष सम्मान मिलता रहा है।
उन्होंने बताया कि दलाईलामा 86 वर्ष की आयु पूरी करने वाले हैं। कोरोना महामारी और उनकी बढ़ती उम्र को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष उनके जन्मदिन समारोह में ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। हमें खुशी है कि वह अभी भी बिलकुल स्वस्थ हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बारे में उन्होंने बताया कि दलाईलामा की दिल्ली यात्रा के दौरान दोनों का मिलना हो पाएगा। दलाईलामा के जन्मदिन पर दोनों का मिलना मुश्किल है। पीएम मोदी का धर्मशाला आने का अभी कोई कार्यक्रम नहीं है। दलाईलामा के दिल्ली जाने की भी फिलहाल कोई योजना नहीं है। पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर कहा जा सकता है कि इस जन्मदिन पर भी उन्हें भारत सहित दुनिया भर से बधाई संदेश मिलेंगे।