कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश में महामारी के तौर पर पशुओं में फैले लंपि रोग से बढ़ रही मौतों के आंकड़ों के कारण पशुपालन विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं. वहीं पशुपालकों में भी भय का माहौल फैला हुआ है. जिला कांगड़ा की बात करें तो बीते एक सप्ताह में 7235 मामले सामने आए हैं जिस में से 350 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है. इस समय जब पशुओं को मालिक द्वारा देखभाल की सख्त जरूरत है तो कुछ निर्दय लोग अपने पशुओं को आवारा छोड़ने में भी गुरेज नही कर रहे हैं, जोकि सबसे बड़े शर्म की बात है.
ऐसा ही एक मामला ज्वाली उपमंडल के अंतर्गत कोटला पंचायत में सामने आया है, जिसमें किसी ने अपनी गाय को आवारा छोड़ रखा है और वो लंपि वायरस से बुरी तरह ग्रस्त है. जो आने वाले समय में क्षेत्र के अन्य पशुओं को भी इस से ग्रस्त कर सकती है. एक स्थानीय नागरिक अमन राणा ने बताया कि उसके घर भाली में हैं और उनके सभी सरकारी कार्यलय कोटला में हैं. जिस कारण उनका कोटला आना जाना लगा रहता है. अमन ने बताया कि जब 30 अगस्त को वो अपने किसी कार्य से कोटला गया था तो उसे लंपि वायरस से बुरी तरह ग्रसित एक गाय दिखी जिसके कान में टैग भी लगा हुआ था. अमन ने बताया कि जब उसने टैग नम्बर पशुपालन विभाग के अधिकारियों को भेजा तो प्राप्त जानकारी के अनुसार गाय का मालिक ज्वालामुखी से शो कर रहा था जिसमें उसकी सारी डिटेल फोन नम्बर व पता सहित सार्वजनिक हो गया है.
मालिक की जरूरत है तो उसका उसके प्रति इतना बेरुख व्यवहार असहनीय है दर्शाए गए नम्बर पर अमन के मुताबिक़, जब उसने सम्बंधित मालिक को फोन पर सम्पर्क किया तो उसने दूसरी ओर से बहुत ही बेहूदा व्यवहार किया. और तुरन्त फोन काट दिया. अमन ने बताया कि उसने इस विषय पर डीसी कांगड़ा को व्हाटसअप के माध्यम से और प्रदेश पुलिस ऑनलाइन हेल्पलाइन के माध्यम से मामले से अवगत करवा के छानबीन कर के उचित व कठोर कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति ऐसा न करे. अमन ने कहा कि ऐसे निर्दय लोगों को समाज के सामने लाना इसलिए जरूरी है क्योंकि जब आपको पशु की जरूरत थी तो उसका भरपूर लाभ उठाया. और आज जब पशु को मालिक की जरूरत है तो उसका उसके प्रति इतना बेरुख व्यवहार असहनीय है.