(SOLAN)कोरोना की अभी तक वैक्सीन नहीं आई है | लेकिन चिकत्स्कों के अनुसार जिस व्यक्ति का एम्युन सिस्टम मजबूत होता है उसे कोरोना छु भी नहीं पाता है | इस खबर के बाद उसके बाद कई कंपनियां बाज़ार में एम्युन सिस्टम मजबूत करने के लिए तरह तरह की दवाईयां लेकर बाज़ार में उतर गई | आयुर्वेदिक काढ़ें को भी चिकित्स्कों ने पीने की सलाह दी यहाँ तक की कई राज्यों की सरकारों ने भी काढ़े के सेवन पर बल दिया | काढ़े का इतना प्रचार हुआ कि करीबन सभी सरकारी विभागों में भी चाय की बजाए काढ़ा ही परोसा जाने लगा | अधिकारियों और कर्मचारियों को निशुल्क काढ़ा दिया गया ताकि उनका एम्युन सिस्टम मजबूत रहे और कोरोना संक्रमण न फैले | इस चक्कर में प्रदेश वासियों की तरह सोलन वासियों ने भी छक कर काढ़ा पिया लेकिन यह काढ़ा कितना पीना है उसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए इस बात पर किसी ने गौर नहीं किया अब आलम यह है कि अधिक सेवन की वजह से काढ़े के काफी दुष्प्रभाव भी सामने आ रहे है | खुद ही हकीम बने लोगों ने एक बिमारी से बचने के लिए दूसरी बीमारियों को न्योता दे दिया है | सोलन के चिकित्स्कों ने काफी कम मात्रा में लोगों को काढ़ा पीने की सलाह दी है |
सोलन के चिकित्स्क आरके शर्मा (DR. RK SHARMA SOLAN) ने बताया कि लोगों को यह पता चला कि काढ़े से एम्युन सिस्टम मजबूत होता है और कोरोना से बचाव कर सकता है तो लोगों ने दिन रात काढ़ा पीना आरम्भ कर दिया | जिसकी वजह से उनके स्वास्थ्य पर अब दुष्प्रभाव पढ़ रहे है | उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि वह केवल दिन में 200 ग्राम ही काढ़ा पिएँ | और दिन में एक बार ही इसका सेवन करें | अन्यथा काढ़ा उनके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है | उन्होंने कहा कि किसी भी चीज़ का अधिक सेवन शरीर के लिए हानिकारक होता है उन्होंने सोलन की जनता को सलाह दी है कि वह चिकित्स्क की सलाह से ही काढ़ा ग्रहण करें और अपने आप हकीम बन कर अपने शरीर को हानि न पहुंचाएं |
2020-12-19