People of Purvanchal along the banks of Baddi's Sarsa and Balad river

बद्दी के सरसा व बालद नदी के किनारे जुटे पूर्वांचल के लोग

कोरोना के चलते नदी पर छठ पूजा की रोक लगाने के बावजूद भी पूर्वांचल के लोग सूर्य को अघ्र्य देने पर पहुंच गए। हांलकि बुहत कम मात्रा में लोग सरसा व  बालद नदी के किनारे गए। बाकी लोगों ने घर की छत पर ही डूबते सूर्य को अध्र्य दिया। कमरे पर पानी की पर्याप्त सुविधा न होने से लोगों को उपवास पूरा करने के लिए नदी पर जाना मजबूरी बना।

कोरोना के चलते इस वर्ष बद्दी के बालद व सरसा नदी के किनारे घाट नहीं सजे। सनसिटी के समीप हरियाणा राज्य में पूर्वाचंल जन कल्याण समिति ने सीमेंट से पक्का घाट बनाया हुआ है। जिसमें पाइप से पानी भरा जाता है लेकिन इस वर्ष हरियाणा राज्य की ओर से  समिति को परमिशन न मिलने से इस घाट पर  पूजा नहीं होगी। समिति ने सभी लोगों से घर में ही पूजा करने को कहा गया लेकिन उसके बावजूद भी  हजारों लोग नदी के किनारे सूर्य को अध्र्य देने पहुंच गए।
समिति के अध्यक्ष सत्या पांडे व उपाध्यक्ष पिंटू सिंह ने बताया कि इस वर्ष लोगों ने उपवास को दिया लेकिन अध्र्य देने के लिए घाट पर नहीं गए। लोगों ने अपने घरों के छतो पर टप में पानी रख कर पूजा अर्चना की। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को संतान नहीं होती है वह इस उपवास को करते है। तीन दिन तक चलने वाले इस उपवास में ब्रती पानी का सेवन भी नहीं करता है। शुक्रवार सांय को अघ्र्य देने के बाद सुबह उगते सूरज को अध्र्य देने के बाद इस व्रत को संपन्न किया जाएगा।