चीन (China) में इस समय लॉकडाउन (Lockdown) लगा हुआ है। इस लॉकडाउन में जनता खासी परेशान हो चुकी है। उनकी परेशानी और निराशा को दूर करने में मददगार साबित हो रहे हैं भारत के संगीतकार बप्पी लहरी। बप्पी को गए हुए आठ महीने का समय हो गया है लेकिन इसके बाद भी उनकी पहचान भारत की सीमाओं के बाहर भी कायम है।
बीजिंग: चीन की कठोर कोविड नीति और उसके कारण लागू पाबंदियों से परेशान देश की जनता लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शनों में 1982 की फिल्म ‘डिस्को डांसर’ के संगीतकार बप्पी लाहिड़ी के लोकप्रिय गाने ‘जिमी जिमी’ आजा आजा’ का जमकर उपयोग कर रहे हैं। चीन के सोशल मीडिया साइट ‘दोयूयिन’ (टिकटॉक का चीनी नाम) पर लाहिड़ी की संगीत से सजे पार्वर्ती खान के गाये हुए इस गीत को मंडारीन भाषा में गाया जा रहा है ‘जि मी, जि मी’। अगर हम ‘जि मी, जि मी’ का अनुवाद करें तो इसका अर्थ होता है ‘मुझे चावल दो, मुझे चावल दो’।
विरोध प्रदर्शन का जरिया
बप्पी लाहिड़ी ने ‘जिमी-जिमी’ गाने को साल 1982 में कंपोज किया था। लेकिन अब यह गाना राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तरफ से जीरो कोविड नीति के विरोध का जरिया बन गया है। गुस्साये और निराश नागरिक इस गाने के माध्यम से अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। इस वीडियो में लोग खाली बर्तन दिखाकर यह बताना चाह रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न की कमी की कितनी बुरी स्थिति है।
मजे की बात यह है कि वीडियो अभी तक सोशल मीडिया पर मौजूद है, जबकि सामान्य तौर पर देश की सरकार की आलोचना करने वाले वीडियो को तत्काल हटा दिया जाता है। गौरतलब है कि चीन में भारतीय सिनेमा हमेशा से लोकप्रिय रहा है और 1950-60 के दशक में राजकपूर की फिल्मों से लेकर ‘3 इडियट’, ‘सीक्रेट सुपरस्टार’, ‘हिन्दी मीडियम’, ‘दंगल’ और ‘अंधाधुंध’ को भी यहां के दर्शकों ने पसंद किया है।
कमाल का तरीका
पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीन के लोगों ने ‘जिमी, जिमी’का उपयोग करके प्रदर्शन करने का कमाल का तरीका सोचा है। वे इसके माध्यम से जीरो-कोविड नीति के कारण जनता को हो रही दिक्कतों के बारे में बता रहे हैं। चीन में जीरो-कोविड नीति के तहत शंघाई सहित दर्जनों शहरों में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था जिसके कारण लोग कई सप्ताह तक अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हो गए थे।