Persian War: जानिए लियोनिडैस और उनके वीर 300 स्पार्टन्स की कहानी

Persian War: पर्शियन वॉर एक ऐसी जंग थी जिसमें हौसलों की जीत हुई और 300 स्पार्टन्स इतिहास लिखने में कामयाब रहे।

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ग्रीस के 300 स्पार्टन्स की वीरता है विश्व- प्रख्यात।
वैसे तो ग्रीस में कई युद्ध हुए लेकिन राजा लियोनिडैस और पर्शिया (Persian War) का युद्ध विश्व प्रख्यात है जो राजा और उनके 300 स्पार्टन्स की वीरता को दुनिया के सामने एक मिसाल बनकर उभरा है। यह एक ऐसी जंग थी जिसमें हौसलों की जीत हुई और 300 स्पार्टन्स इतिहास लिखने में कामयाब रहे। इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में इस युद्ध के बारे में लिखा गया है।

ग्रीस और पर्शिया के बीच युद्ध तय था। असल में इस युद्ध की नींव पर्शिया के पहले राजा दारयुश ने रखी थी और यह माना जाता है कि दारयुश ने पहले यूनान पर हमला किया क्योंकि उस समय ग्रीस में उस समय आपसी लड़ाईयां चल रही थीं। इसी का फायदा उठाकर दारयुश ने ऐसा किया। दार्युश के पास एक अच्छी सेना थी और सेना लेकर वह ग्रीस में घुस गया। लेकिन इसका रिजल्ट उल्टा आया आपसी लड़ाई के बावजूद ग्रीस के सारे राज्य साथ आ गए और पर्शिया के राजा दार्युश और उसकी विशाल सेना को हरा दिया। इस युद्ध में पर्शिया के राजा की मौत हो गई और उसी मौत का बदला लेने उसका बेटा जरक्सीज दोबारा जंग के पक्ष में आकर खड़ा हो गया।

लियोनिडैस और 300 स्पार्टन्स
दार्युश के बेटे जरक्सीज ने अपनी विशाल सेना के साथ ग्रीस पर आक्रमण कर दिया। हालांकि राजा लियोनिडैस की रणनीति बहुत कारगर थी तब भी लियोनिडैस को आभास था कि यह जंग उनकी आखिरी जंग हो सकती है इसलिए वह अपने साथ सिर्फ 300 सैनिक (Spartans) ही ले गए थे। इन्हीं 300 सैनिकों को स्पार्टन्स कहा जाता था। स्पार्टन्स को यूनान की सबसे ताकतवर सेना का हिस्सा माना जाता था। ग्रीस के राजा ने उन 300 सैनिकों को ही इस युद्ध के लिए इस प्रकार चुना था जिनके बच्चे या भाई थे ताकि अगर वे जंग में शहीद हो जाते हैं तो उनका परिवार खत्म न हो सके। सेना का एक-एक योद्धा दुश्मन के कई सैनिकों पर भारी था।

जरक्सीज को लगा था कि 300 स्पार्टा सैनिकों को मारने में उसे ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा। उसने अपने सबसे बेहतरीन तीरंदाजों की टुकड़ी को भेजा और उनसे आग वाले बाण छोड़ने को कहा। तीर इतनी बढ़ी संख्या में थे कि आसमान तक ढक सकता था लेकिन स्पार्टन्स इसके लिए भी तैयार थे। उन्होंने अपने कौशल से इन तीरों को बेकार कर दिया और यह देखकर पर्शियन सेना तेजी से आगे बढ़ने लगी। लेकिन स्पार्टन्स भी कहां रुकने वाले थे। एक-एक कर कई पर्शियन सैनिक मरने लगे और खून पानी की तरह बहने लगा। विशाल पर्शियन सेना के सामने 300 स्पार्टन्स भारी पड़ रहे थे। लगभग स्पार्टन्स ने युद्ध जीत ही लिया था लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने इतिहास बदल गया।

गद्दारी के कारण हार
जंग का दूसरा दिन अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि एक ईफियाल्ट्स नाम के यूनानी ने दौलत के लालच में आकर जरक्सीज को उस दूसरे रास्ते के बारे में बता दिया, जहां से ग्रीस में घुसा जा सकता था। जरक्सीज समझ गया था कि उसे लियोनिडैस को कैसे हराना है और उसने तुरंत अपने तीरंदाजों को इस गुप्त रास्ते के बारे में बताया और तेजी से घुसने का आदेश दिया।

जरक्सीज के तीरंदाज जो अबतक लियोनिडैस से दूर थे वो अब स्पार्टन्स से कुछ दूरी पर मौजूद पहाड़ियों पर खड़े थे। लियोनिडैस अपने 300 सैनिकों के साथ खड़े रहे। उन्होंने अपना एक जवान वापस स्पार्टा भेज दिया ताकि, वह जाकर बाकियों को बता सके कि कैसे उनके सिपाही वीरों की तरह लड़े और लड़ते हुए शहीद हो गए। थोड़ी ही देर बाद सारे स्पार्टन्स को पर्शियन सेना ने घेर लिया और आसमान से उन पर तीरों की बौछार कर दी गई। तीरों की बौछार लियोनिडैस और और उनके सिपाहियों को चीरते हुए चली गई और वीरता का अंत कर गई।