नई दिल्ली: बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. वकील अबु सुहेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके यह मांग की है. वकील के अनुसार इस मामले उच्चतम न्यायालय 11 जुलाई को सुनवाई कर सकता है.
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि नुपूर के खिलाफ FIR होने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया है. इस याचिका में पुलिस से मामले में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की गई है. इसके अलावा इस अर्जी में हेट स्पीच मामले तहसीन पूनावाला के फैसले को लागू करने की मांग की गई है.
इससे पहले मंगलवार को पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों नूपुर शर्मा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की हालिया टिप्पणियों की निंदा की और आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत ने इस मामले में ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी. 15 पूर्व न्यायाधीशों, अखिल भारतीय सेवा के 77 पूर्व अधिकारी और 25 अन्य लोगों ने कहा कि, न्यायपालिका के इतिहास में, ये दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां बेमेल हैं. इस मामले में तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाने का आह्वान किया जाता है.
वहीं इसके जवाब में वकीलों के एक संगठन ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नूपुर शर्मा पर की गई हालिया टिप्पणी का समर्थन किया है. एसोसिएशन के चेयरमैन आदिश अगरवाला ने पत्र लिखकर कहा है कि जो भी याचिका सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ दाखिल की जा रही है, उनको खारिज करना चाहिए.
बता दें कि टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी थी. इसके बाद पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था. वहीं इस विवाद में अलग-अलग राज्यों में दर्ज केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की अपील लेकर नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जहां सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने उनके खिलाफ तल्ख टिप्पणियां कीं और कहा कि उन्हें टीवी पर आकर देश से माफी मांगनी चाहिए.