PFI raids: एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई के शीर्ष नेताओं और सदस्यों के घरों और कार्यालयों पर एनआईए ने दर्ज पांच मामलों के संबंध में छापेमारी की थी, जिसमें लगातार इनपुट और सबूत थे कि संगठन के सदस्य आतंकी फंडिंग, प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल थे।
तिरुवनंतपुरम: देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। मंगलवार 27 सितंबर को देश के अलग-अलग राज्यों से इस संगठन से जुड़े 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया जबकि 30 से ज्यादा को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले भी सैकड़ों कार्यकताओं को पिछले हफ्ते हिरासत में लिया जा चुका है। पकड़े गए लोगों में पीएफआई के चेयरमैन ओमा सलाम का नाम भी शामिल है। ऐसे में अब कुछ खबरों में बताया जा रहा कि पीएफआई ने सरकार के खिलाफ हिंसक जवाब देने का फैसला लिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि संगठन ‘बयाथीस’ का रास्ता चुनने की प्लानिंग कर रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर ये बयाथीस है क्या और इसका पीएफआई पर देशभर में पड़े छापों से क्या लिंक है।
महाराष्ट्र से मिली थी प्लान-2047 नाम की बुकलेट
पिछले दिनों महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने मुंबई में एक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता से ‘प्लान 2047’ नामक एक पुस्तिका (नोट) बरामद की थी। यह छापा पीएफआई और उसकी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर देशव्यापी कार्रवाई का हिस्सा था। पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मेगा ऑपरेशन में यह पता चला था कि पीएफआई के पदाधिकारी, सदस्य और कैडर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने में शामिल थे। इन युवाओं को ISIS जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए धकेला जा रहा था।
बयाथीस का पूरा मतलब जानिए
एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई के शीर्ष नेताओं और सदस्यों के घरों और कार्यालयों पर एनआईए ने दर्ज पांच मामलों के संबंध में छापेमारी की थी, जिसमें लगातार इनपुट और सबूत थे कि संगठन के सदस्य आतंकी फंडिंग, प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल थे।एनआईए ने दावा किया कि आरोपी धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हिंसक और आतंकवादी कृत्यों को करने के लिए प्रशिक्षण देने के लिए शिविर आयोजित कर रहे थे।
बयाथीस का मतलब मौत का सौदागर या फिदायीन
जब्त नोट से यह भी पता चला कि पीएफआई सरकारी एजेंसियों, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक के नेताओं और संगठन को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। नोट के अनुसार, नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में अपने वरिष्ठ नेताओं को रखे जाने के बाद पीएफआई कार्यकर्ता नाराज हैं। नोट में आगे कहा गया है कि पीएफआई ने सरकार के खिलाफ हिंसक जवाबी कार्रवाई का फैसला किया है। पीएफआई ने इसके लिए बयाथीस का रास्ता चुना है। बयाथीस एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है मौत का सौदागर या फिदायीन। बयाथीस का मतलब ऐसी प्रतिक्रिया जिसमें बदले के लिए मरने या मारने की कसम खाई जाती है।