नई दिल्ली. मुंबई की फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट कंपनी ब्लू जेट हेल्थकेयर ने आईपीओ के लिए शुरुआती दस्तावेज ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्ट्स (डीआरएचपी) सेबी के पास जमा कर दिए हैं. कंपनी के आईपीओ में कोई फ्रेश इश्यू नहीं होगा और सभी शेयर प्रमोटर्स या मौजूदा शेयरधारकों द्वारा बेचे जाएंगे. आईपीओ में 2.168 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगेगी. इसमें कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन अक्षय बंसारीलाल अरोड़ा 1.837 करोड़ शेयर बेचेंगे जबकि कंपनी के अन्य अधिकारी शिवेन अक्षय अरोड़ 33.2 लाख शेयर बेचेंगे.
बाकी शेयर अन्य शेयधारकों द्वारा बेचे जाएंगे. इस आईपीओ के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और जेपी मॉर्गन को लीड मैनेजर बनाया गया है. कंपनी हाई-इन्टेंसिटी स्वीटनर्स का निर्माण करती हैं. इसमें सैचरिन और इसके सॉल्ट्स शामिल हैं. कंपनी का परिचालन मुख्यत: तीन कैटेगरी में है- कॉन्ट्रास्ट मीडिया इंटरमीडिएट्स, हाई इन्टेंसिटी स्वीटनर्स और फार्मा इन्टरमीडियएट्स व एक्टिव फार्मास्यूटिक्लस इन्ग्रीडिएंट्स.
कहां काम आते हैं इसके प्रोडक्ट्स
कॉन्ट्रास्ट मीडिया एजेंट्स का इस्तेमाल मेडिकल इमेजिंग में किया जाता है. इससे एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड के दौरान बॉडी टिश्यू अधिक साफ नजर आते हैं. सैचरिन का इस्तेमाल ओरल केयर प्रोडक्ट्स (टूथपेस्ट, माउथवॉश) व सॉफ्ट ड्रिंक्स में होता है. इसके अलावा यह मिंट, कैंडी, बेकरी प्रोडकट्स, फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स और फूड सप्लीमेंट में उपयोग किया जाता है. यह अपने फार्मा इंटरमीडिएट्स एंड एपीआई बिजनेस के जरिए मुख्यत: इनोवेटर फार्मा कंपनी व अंतरराष्ट्रीय जेनेरिक फार्मा कंपनियों के साथ कोलेबोरेट कर उन्हें फार्मा इंग्रीडिएंट मुहैया कराती है. इनका इस्तेमाल क्राडियोवेस्कूलर सिस्टम, ऑनकोलोजी और सेंट्रल नर्वस सिस्टम जैसे क्रोनिक थेरेप्यूटिक एरिया में एपीआई बनाने के लिए होता है.
ब्लू जेट हेल्थकेयर के पास 3 विनिर्माण इकाइयां हैं. ये तीनों महाराष्ट में स्थित हैं. इनकी पहली इकाई शहाद, दूसरी अंबेरनाथ और तीसरी महाड़ में है. इन तीनों की वार्षिक इन्सटाल्ड कैपिसिटी क्रमश: 200.6 किलोलीटर, 607.3 किलोलीटर और 213 किलोलीटर है. कंपनी ने अंबेरनाथ में चौथी इकाई के लिए एक लीज पर जमीन का अधिग्रहण किया है. वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी की कुल विनिर्माण क्षमता बढ़कर 1020.9 किलोलीटर हो गई है जो वित्त वर्ष 2018 में 230 किलोलीटर थी. वित्त वर्ष 22 में कंपनी को 683 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 498.93 करोड़ रुपये थी. वहीं, नेट प्रॉफिट भी 135.79 करोड़ रुपये से बढ़कर 181.59 करोड़ रुपये हो गया.