Himachal News: शांतनु कुमार आज के समय में हर किसी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं और जब भी उन्हें पता चलता है कि कहीं पर लावारिश शव मिला है.
हमीरपुर. आज के समय में जहां जिंदगी के अंतिम पड़ाव में अपने भी साथ छोड देते है. लेकिन हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक ऐसा शख्स है जो लावारिस लाशों को अपने कंधों पर ढोकर न केवल उनका अंतिम संस्कार करवाता है, बल्कि अपने खर्चें पर हरिद्वार में जाकर अस्थियां को भी गंगा में पूरे रिति-रिवाज से बहाते हैं.
हमीरपुर के समाज सेवी शांतनु कुमार करीब दो दशकों से मिशन लावारिस के तहत ऐसा काम कर रहे हैं कि उनकी हर कोई तारीफ करता है.
अब तक शांतनु कुमार ने 2790 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. अब श्राद्वों में हरिद्वार में शांतनु कुमार 2790 लोगों की आत्मा की शांति के लिए विधिवत पूजा-अर्चना करवाएंगे. इसी सप्ताह हरिद्वार के लिए रवाना होंगे.
तत्कालीन राज्यपाल सदाशिव कोकजे ने हमीरपुर के निवासी शांतनु कुमार को समाजसेवा में बेहतर कार्य करने के लिए गॉर्ड फेयर ब्रेवरी अवार्ड से भी सम्मानित किया था. वहीं. वर्ष 2012 में प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें हिमाचल गौरव अवार्ड से नवाजा जा चुका है.
हमीरपुर बाजार में एक छोटे से खोखे में कपड़े की दुकान चलाने वाले शांतनु कुमार ने ईनाम में मिली राशि को भी अपने पास नहीं रखा. उसे भी चैरिटी में दान कर दिया.
शांतनु कुमार का कहना है कि समाज सेवा करके अलग सी अनुभूति होती है और इस काम के लिए वह मदर टेरेसा को प्रेरणास्त्रोत मानते हैं. शांतुन ने शादी नहीं की है और कहते हैं कि समाज सेवा में कुछ भी आड़े ना आए, इसलिए वह कुंवारे हैं. शांतनु कुमार का कहना है कि 20 साल से वह लावारिस शवों के अंतिम संस्कार कर रहे हैं. इस बार भी 25 सितंबर को हरिद्वार में श्राद्ध करवाया जाएगा.