देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी-ब्रिज (First Vertical Lift Railway Sea Bridge) का निर्माण जोर-शोर से जारी है. दक्षिण
भारत के तमिलनाडु में यह पुल जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. ये ब्रिज रामेश्वरम को तमिलनाडु से जोड़ेगा. मार्च 2019 में पीएम
मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला कन्याकुमारी में रखी थी. नवंबर 2019 से नए पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) का निर्माण
शुरू हुआ था. मार्च 2023 तक इसका निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है. यह पुल 2.05 किमी लंबा होगा. पुराने पुल की तुलना
में नया पुल तीन मीटर ऊंचा और समुद्र तल से 22 मीटर ऊंचा होगा.
नए पंबन ब्रिज का निर्माण रेलवे विकास निगम लिमिटेड द्वारा पुराने पुल के समानांतर किया जा रहा है. हर साल लाखों तीर्थयात्री रामेश्वरम में विश्वप्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. नया पंबन ब्रिज पंबन और रामेश्वरम के बीच रेल यातायात को बढ़ाएगा. धनुषकोडी की यात्रा पर जाने वाले यात्री भी इस नए ब्रिज का इस्तेमाल करेंगे.
नए पंबन ब्रिज के बन जाने के बाद रामेश्वर में पर्यटकों की संख्या में और ज्यादा बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामेश्वरम मंदिर और ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने आते हैं. तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने 2018 में नए पुल के निर्माण की घोषणा की थी. मंडपम और रामेश्वरम को जोड़ने वाले पुराने पुल का निर्माण 1914 में हुआ था. 1988 में पुराने पुल के समानांतर ही एक रोड ब्रिज भी तैयार किया गया था. पुराने पंबन पुल के बीच में फ्लैप थे, जिन्हें उठाया जा सकता था ताकि जहाजों को गुजरने दिया जा सके.
नए पंबन ब्रिज पुल के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है. नया पुल इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल्ड सिस्टम से ऑपरेट होगा. ट्रेन के कंट्रोल सिस्टम से इसे इंटरलिंक किया जाएगा ताकि कनेक्टिविटी में दिक्कत न आए. नया पुल 90 डिग्री के कोण पर ऊपर की ओर खुलेगा. यह ट्रेन और समुद्री जहाजों के लिए क्रॉस पासिंग का काम करेगा.
इस ब्रिज में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन होगा. पुराने पुल में 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजरती थीं जबकि नए पुल में 80 किमी/घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकेगी. नए पुल इलेक्ट्रिक रेलवे ट्रैक से सुसज्जित होगा और डबल लाइन होगा. नए पुल की लागत 560 करोड़ तक आने की संभावना है.