Robin Uthappa Retirement: विस्फोटक बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने संन्यास ले लिया है. उथप्पा ने टविटर पर एक पोस्ट के जरिए रिटायरमेंट का ऐलान किया. रॉबिन उथप्पा ने टीम इंडिया के लिए 46 वनडे और 13 टी20 मैच खेले थे. उथप्पा टीम इंडिया के पहले टी20 वर्ल्ड कप जीत के नायकों में रहे थे. उथप्पा ने कर्नाटक और केरल के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला जिसमें उनके बल्ले से 9000 से ज्यादा रन निकले. वहीं लिस्ट ए में भी उन्होंने 6534 रन बनाए. टी20 में भी उनके बल्ले से 7272 रन निकले थे. आइए, आपको बताते हैं उनके डेब्यू से लेकर संन्यास तक, सब कुछ…
विस्फोटक बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने संन्यास ले लिया है. बुधवार को रॉबिन उथप्पा ने रिटायरमेंट का ऐलान किया. बता दें रॉबिन उथप्पा ने टीम इंडिया के लिए 46 वनडे और 13 टी20 मैच खेले थे. उथप्पा टीम इंडिया के पहले टी20 वर्ल्ड कप जीत के नायकों में रहे थे. उथप्पा ने कर्नाटक और केरल के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला जिसमें उनके बल्ले से 9000 से ज्यादा रन निकले. वहीं लिस्ट ए में भी उन्होंने 6534 रन बनाए. टी20 में भी उनके बल्ले से 7272 रन निकले थे
रॉबिन उथप्पा के पिता का नाम वेणू उथप्पा है जो इंटरनेशनल हॉकी रेफरी रह चुके हैं. वो कर्नाटक हॉकी एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे. पिता के हॉकी प्रेम के बावजूद उथप्पा ने क्रिकेट को चुना और बेहद ही कम उम्र में उन्होंने इस खेल में अपना नाम बनाया.
बता दें कि रॉबिन उथप्पा जुलाई में दूसरी बार पिता बने थे और अपनी खुशी जाहिर की थी.
रॉबिन उथप्पा के पिता हिंदू और मां ईसाई हैं. 25 साल की उम्र तक उथप्पा हिंदू रहे लेकिन साल 2011 में उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया. उथप्पा के साथ उनकी बहन ने भी ईसाई धर्म अपनाया था.
रॉबिन उथप्पा जब 10 साल के थे तो उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते थे. इलाज की वजह से उनका मेटबॉलिज्म रेट बढ़ गया था जिसकी वजह से उन्हें अपना वजन बरकरार रखने में बहुत समस्या होती थी. उनकी ये समस्या 20-25 साल तक रही लेकिन इसके बाद उन्होंने एक न्यूट्रिशनिस्ट की मदद से इसपर काबू पा लिया.
साल 2013-14 उथप्पा के करियर का सबसे स्वर्णिम साल माना जाता है. इस साल उन्होंने कर्नाटक के लिए रणजी ट्रॉफी जीती. उथप्पा इसी साल विजय हारे और ईरानी ट्रॉफी भी जीते थे. इसके साथ-साथ उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल भी जीता