भारतीय वायुसेना में महिलाओं की बढ़ती सहभागिता एक अच्छे बदलाव का संकेत है. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन से लेकर अरुणाचल प्रदेश के खतरनाक पहाड़ी इलाके विजयनगर तक भारतीय वायुसेना की महिला पायलटों का दम देखने को मिल रहा है. चीन के साथ चल रहे भारत के टकराव में भी भारत की बेटियां सीमाओं की सुरक्षा कर रही हैं.
‘हर तरह से हैं तैयार’
रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में 1300 महिला अधिकारी भारतीय वायुसेना में ग्राउंड और एयर ड्यूटी पर तैनात हैं. असम के तेजपुर में स्थित फॉरवर्ड बेस से भी भारत की तीन बेटियां आसमान में उड़ते हुए दुश्मन पर नजर बनाए हुए हैं. वायुसेना में महिला पायलटों के जोश के बारे में सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट की पहली वेपन सिस्टम ऑपरेटर फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी का कहना है कि, ‘हमारी सेनाओं में पहले भी ऐसी बेहतरीन महिलाएं रही हैं, जिन्होंने धारणाओं को तोड़ते हुए हमारे लिए रास्ते बनाए और हमें सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत दी. आज IAF पायलट पूर्वी सेक्टर में किसी भी हमले का सटीक जवाब देने और रियल ऑपरेशन में अपनी क्षमता साबित करने के लिए तैयार हैं.’
ट्रेनिंग में है कड़ी मेहनत
तेजस्वी ने IAF की ट्रेनिंग के संबंध में कहा कि, हमें लगातार वही ट्रेनिंग दी जाती है जो ऑपरेशन के समय हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. यही वजह है कि हमारे दिमाग में हमेशा ऑपरेशन या मिशन ही चलता रहता है. उनका कहना है कि वायुसेना में महिला और पुरुष दोनों के लिए एक समान ट्रेनिंग है. सभी को एक समान तैयारियों और कड़े नियमों से होकर गुजरना होता है. ऐसे में हम हर उस टास्क और चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं जो हमारे सामने आ सकती हैं.
आसमान में नारी शक्ति का दम
WSO फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी रंगा राव को Wizzos भी कहा जाता है. ये स्पेशलिस्ट अधिकारी होते हैं. इनका काम मल्टीरोल सुखोई-30 लड़ाकू विमान के रियर कॉकपिट में बैठकर उसे उड़ाना होता है. इस दौरान विमान के सेंसर को हैंडल करने के साथ-साथ एयरक्राफ्ट से दुश्मन के ठिकानों पर हमला बोलने की जिम्मेदारी भी WSO की होती है.
भारतीय वायुसेना ने सबसे पहले वनी चतुर्वेदी, भावना कांत और शिवांगी सिंह को फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया था. इनमें भावना कांत MiG-21 को अकेले उड़ाने के लिए जानी गईं. वहीं, शिवांगी सिंह राफेल फाइटर जेट की पायलट बन गईं. फ्लाइट लेफ्टिनेंट अनी अवस्थी और ए नैन अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमाओं के पास LAC के आसपास घने जंगलों में ALH Dhruv हेलिकॉप्टर उड़ाती हैं.