पायलट का दिल्ली में डेरा, आज सोनिया से मिलेंगे गहलोत, नए CM और कांग्रेस अध्यक्ष की उम्मीदवारी से हटेगा पर्दा

Rajasthan Crisis : कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन भरने को लेकर संशय बरकरार है। कांग्रेस आलाकमान से आज उनकी मुलाकात होने की संभावना है। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ही साफ हो पाएगा कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनते हैं या नहीं। इन सबके बीच पिछले तीन दिनों से सचिन पायलट दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं।

जयपुर/दिल्ली : राजस्थान के सियासी संकट पर अब सबकी नजर 10 जनपथ पर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सीएम पद के दावेदार सचिन पायलट दिल्ली में हैं। दोनों में से किसी की अब तक सोनिया गांधी के मुलाकात नहीं हुई है। उम्मीद है कि संकट के समाधान के लिए आज सोनिया गांधी से गहलोत की मुलाकात हो सकती है। इस दौरान वो राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट के बारे में बातचीत करेंगे। राजस्थान के राजनीतिक उठापटक में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव भी विवादों में आ गया है।

आज गहलोत की सोनिया से मुलाकात संभव
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में हैं। उम्मीद है कि आज उनकी मुलाकात सोनिया गांधी से हो सकती है। जिसमें राजस्थान के सियासी संकट और कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव पर चर्चा हो सकती है। बुधवार देर शाम दिल्ली पहुंचे गहलोत ने कहा कि कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री गुरुवार को दिल्ली में नहीं हैं और इसलिए अध्यक्ष पद के उम्मीदवार 30 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन ही आवेदन कर सकते हैं। दिल्ली आने से पहले गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और मंत्री शांति धारीवाल से बातचीत की। राज्य के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया कि गहलोत इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। ये पूछे जाने पर कि क्या गहलोत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे, उन्होंने कहा कि इस तथ्य की जानकारी सिर्फ मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व को है। इस बीच, अध्यक्ष पद के लिए दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के नाम की चर्चा है, क्योंकि उन्होंने दिल्ली जाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा बीच में ही छोड़ दी थी। कांग्रेस महासचिव, संगठन, केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राजस्थान का संकट एक-दो दिन में हल हो जाएगा। वहीं, सीएम पद के लिए गहलोत खेमे के विरोध का सामना कर रहे सचिन पायलट पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं।

दिल्ली में गहलोत ने क्या कहा?
सोनिया गांधी के नेतृत्व की अशोक गहलोत ने सराहना की और उम्मीद जताई कि ‘घर की बातों’ को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘मैं इंदिरा जी के समय से देखता आ रहा हूं। हमेशा पार्टी में अनुशासन है। इसलिए पार्टी के चाहे 44 सांसद आएं या 52 आएं, लेकिन पूरे देश में वह राष्ट्रीय पार्टी है और उसकी नेता सोनिया गांधी जी हैं। सोनिया गांधी जी के अनुशासन में पूरे देश में कांग्रेस है… ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। मेरा दृष्टिकोण कुछ अलग हो सकता है, (लेकिन) हम सबके दिल के अंदर नंबर एक बात होती है कि हम कांग्रेस अध्यक्ष के अनुशासन में काम करते हैं। मेरे हिसाब से, आने वाले वक्त में फैसले होंगे। आज देश के ऊपर संकट है, उसे मीडिया को पहचानना चाहिए। आज पत्रकार और लेखक संकट में हैं। देशद्रोह के नाम पर लोग जेल भेजे जा रहे हैं। हमें उन लोगों की चिंता है जिनके लिए राहुल गांधी (भारत जोड़ो यात्रा पर) निकल पड़े हैं। महंगाई, बेरोजगारी और देश में चल रही तानाशाही प्रवृत्ति की राहुल गांधी को चिंता है और हम सबको चिंता है। हमारे लिए इनसे (समस्याओं से) मुकाबला करना ज्यादा जरूरी है। ये (सियासी संकट) घर की बातें हैं, आतंरिक राजनीति में चलता रहता है, ये हम सब सुलझा लेंगे।’

गहलोत से पहले एंटनी से मिलीं सोनिया
इन सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य एके एंटनी ने सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की। करीब एक घंटे से अधिक बैठक कर वो पार्टी कोषाध्यक्ष बंसल से भी मिले। गांधी परिवार के काफी करीबी नेताओं में से एंटनी एक हैं। सोनिया गांधी के साथ हुई बैठक को उन्होंने अच्छा बताया और कहा कि हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। जानकारी के अनुसार, अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे घमासान के बीच सोनिया गांधी उनके साथ उम्मीदवार के नामों पर चर्चा की और उनकी राय भी ली है। राजस्थान सियासी घटनाक्रम बाद सोनिया गांधी भी इस मसले को सुलझाने में जुटी हुई हैं। हाल ही में राजस्थान में दो ऑब्जर्वर अजय माकन और मलिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद राजस्थान के तीन नेताओं पर कार्रवाई भी हुई। इसके साथ ही एके एंटनी अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी हैं, हालांकि वो दो साल पहले ही सक्रिय राजनीति से दूर हो गए और दिल्ली छोड़ गए। जब भी राजनीति में रहे तो सोनिया गांधी के करीबी माने गए और कोर ग्रुप कमेटी का हिस्सा रहे।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव पर क्या होगा?
राजस्थान के सियासी संकट के कारण अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की गहलोत की संभावना को झटका लगा है। अब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। लोकसभा सदस्य शशि थरूर 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई और नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से आरम्भ हुई, जो 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे। राजस्थान में उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच पार्टी पर्यवेक्षकों ने मंगलवार को ‘घोर अनुशासनहीनता’ के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इसके कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से इन्हें ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर दिये गये।