Pink Tax: इनकम टैक्स, जीएसटी के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं पिंक टैक्स के बारे में? जानिए क्या है ये

Pink Tax: इसके बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता है, लेकिन ये भी इनडायरेक्ट तरीके से आपकी जेब ढीली करता है। इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ता है। महिलाओं को इसके चक्कर में ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसे इनकम टैक्स या वैल्यू एडेड टैक्स की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।

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बहुत सी कंपनियां एक ही जैसे प्रोडक्ट के लिए महिलाओं से ज्यादा रुपये वसूलती हैं

नई दिल्ली: आपने इनकम टैक्स (Income Tax), कॉरपोरेट टैक्स और जीएसटी (GST) के बारे में तो सुना होगा, लेकिन क्या आपने पिंक टैक्स (Pink Tax) के बारे में सुना है। ये कोई एक्चुअल टैक्स (Tax) नहीं है जो सरकार की ओर से लगाया जाता है, बल्कि ये एक्ट्रा पैसा है जो महिलाओं को देने पड़ते हैं आदमियों की तुलना में। इस पिंक टैक्स के जरिए कंपनियां आपकी जेब काट रही हैं। इसके बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता है, लेकिन ये भी इनडायरेक्ट तरीके से आपकी जेब ढीली करता है। इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ता है। महिलाओं को इसके चक्कर में ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि ये पिंक टैक्स क्या है और ये किस तरह से आपकी जेब काटता है।

महिलाओं को चुकाना पड़ता है ये टैक्स
आपको बता दें कि पिंक टैक्स असल में कोई सीधा टैक्स नहीं है। इसे इनकम टैक्स या वैल्यू एडेड टैक्स की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। से सरकारों द्वारा निर्धारित प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष कर की श्रेणी में नहीं आता है। असल में देखें तो ये एक तरीके का जेंडर बेस्ड प्राइस डिस्क्रिमिनेशन है, जो औरतें अपने सामान और सेवाओं के लिए चुकाती हैं। इसे ऐसे समझिए की महिलाओं को बॉल कटवाने के लिए पुरुषों की तुलना में ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं। वहीं जब महिलाएं कोई कपड़ा खरीदती हैं खासतौर से पिंक कलर का तो उसके उन्हें ज्यादा रुपये देने पड़ जाते हैं। अगर आप कई नामी सैलून में में देखें तो यहां हेड मसाज के लिए पुरुषों को 900 से एक हजार रुपये देने पड़ते हैं। वहीं महिलाओं को इसके लिए 2000 रुपये तक चुकाने पड़ जाते हैं।

ऐसे समझिए पिंक टैक्स के बारे में
आप जब शापिंग करने जाएं तो देखिएगा की बहुत सी कंपनियां एक ही जैसे प्रोडक्ट के लिए महिलाओं से ज्यादा रुपये वसूलती हैं। इसमें भी अगर वो सामान पिंक कलर का हो तो और ज्यादा पैसे वसूलती हैं। परफयूम, रेजर, पेन, बैग, कपड़े इन सबके लिए महिलाओं को ज्यादा रुपये चुकाने पड़ जाते हैं।

क्या है वजह
इसके पीछे एक सीधी वजह ये है कि ये माना जाता है कि औरतें बहुत ज्यादा प्राइस सेंटिव नहीं होती हैं। वो प्रोडक्ट के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने के लिए तैयार हो जाती हैं। अगर उन्हें प्रोडक्ट पसंद आ जाए तो। इसीलिए कंपनी औरतों से ज्यादा रुपये वसूलती हैं। ये कंपनियों की अब मार्केटिंग स्ट्रैटजी भी है। भारत में जहां पर औरतें आदमियों की तुलना में कम रुपये कमाती हैं। यहां भी औरतों से प्रोडक्ट के लिए ज्यादा रुपये वसूले जा रहे हैं। देश में औरतों की कमाई भी कम है और उनसे पैसे भी ज्यादा चार्ज किए जाते हैं। जब आप अगली बार शॉपिंग करने जाएं तो इस चीज के बारे में जरूर याद रखें। रुपये बचाने के लिए रेजर और लोशन जैसी चीजें पुरुषों के सेक्शन से भी खरीदी जा सकती हैं। इनके लिए ज्यादा रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं है।