देश के महानगरों से लेकर छोटे गांव-कस्बों तक, एक समस्या जो बिल्कुल कॉमन है वो है, सड़कों पर बने गड्ढे. बरसात के मौसम में सड़कों की हालात और बद्तर हो जाती है और प्रशासन की पोल खोल देती है. आज़ादी के 75 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन हमारे यहां कि सड़कों को अब तक गड्ढों से आज़ादी नहीं मिल पाई है. बिहार की बदहाली एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इन दिनों चर्चा का विषय है.
मधुबनी के एनएच 227 ने खोल दी प्रशासन की पोल
ज़िला मधुबनी (Madhubani) देशभर में मधुबनी पेंटिंग के लिए मशहूर है. गौरतलब है कि आजकल ये ज़िला अपनी पेंटिंग के लिए नहीं बल्कि अपनी एक हाईवे के लिए चर्चा में है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मधुबनी स्थित नेशनल हाईवे 227, कलुआही-बासोपट्टी-हरलाखी से गुज़रने वाली सड़क गड्ढों से भरी नज़र आई. कुछ गड्ढों की चौड़ाई तो इतनी है कि उसमें आराम से तैरने का अभ्यास किया जा सकता है!
2015 से हालात ऐसे ही हैं
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट की मानें तो 2015 से इस रोड की हालत ऐसी ही है. सड़क को बनाने के लिए तीन बार टेंडर पास किया गया है लेकिन ठेकेदार सड़क बनाने के नाम पर खानापूर्ति करते रहे और आज इस सड़क की हालत पहले से भी बद्तर हो चुकी है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस हाईवे से कई नेता आते-जाते रहते हैं लेकिन किसी ने भी सड़क बनवाने की सुध नहीं ली.
चलना तक मुश्किल लेकिन गुज़रते हैं ट्रक
बता दें कि इस सड़क के आस-पास लगभग 500 दुकानें हैं और इनसे 15000 परिवार जुड़े हैं. इस सड़क से ट्रक जैसे भारी वाहन आते-जाते रहते हैं. जिस सड़क पर चलना तक खतरनाक है उससे भारी भरकम गाड़ियां गुज़रती हैं. स्थानीय भाजपा विधायक, अरुण शंकर प्रसाद ने सदन में तीन बार अलग-अलग सत्रों में इस सड़क की बदहाली का मुद्दा उठाया लेकिन किसी ने अब तक इसकी मरम्मत नहीं करवाई.
बरसात में गड्ढों का पानी घर में घुसता है
सड़क पर बने गड्ढे बारिश में मुसीबत बन जाते हैं. इनमें भरने वाला पानी लोगों के घरों में भी घुस जाता है. जब पानी नहीं होता तब धूल की समस्या होती है. इस सड़क की वजह से लोग इसके आस-पास स्थित बाज़ार में भी आने से कतराते हैं. बारिश के दिनों में 2-2 फ़ीट पानी भर जाता है.