यह एकहथिया शिवमंदिर पिथौरागढ़ के थल कस्बे के बलतिर गांव में है.
पिथौरागढ़. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी एक विशाल पत्थर को काटकर, तराशकर रातों-रात कोई एक आदमी उसे खूबसूरत देवालय बना दे? नहीं न. लेकिन देवभूमि उत्तराखंड में ऐसा ही एक अद्भुत शिव मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसे एक हाथ वाले शिल्पकार ने रातों-रात तैयार कर दिया था. हैरानी की बात ये है कि इस देवालय में स्थापित शिवलिंग के दर्शन तो लोग करते हैं लेकिन उसकी पूजा नहीं करते. यह अदभुत शिव मंदिर पिथौरागढ़ के थल कस्बे के बलतिर गांव में है. विशाल चट्टान को रातों-रात एक हाथ से काटकर बनाए जाने की वजह से इस शिव मंदिर का नाम एकहथिया देवालय पड़ा.
कहा जाता है कि इस गांव में एक शिल्पी रहता था. वह पत्थरों को तराशकर मूर्तियां गढ़ा करता था. लेकिन किसी हादसे में उसका एक हाथ खराब हो गया. इसके बाद गांव के लोगों ने उसका मजाक बनाना शुरू कर दिया. उसे काम भी देना बंद कर दिया. गांव में अपनी उपेक्षा और लोगों के ताने से वह शिल्पी परेशान हो गया और उसने गांव छोड़ने का फैसला कर लिया.
कुछ कर दिखाने की जिद