हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 92वें संस्करण को मंडी में सुना। वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी बूथ स्तर पर इस कार्यक्रम को सुना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी में इस कार्यक्रम को सुना। वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में बूथ स्तर पर मन की बात कार्यक्रम के 92वें संस्करण को सुना। सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में कार्यक्रम को लेकर खास इंतजाम किए गए थे। मन की बात में आज हिमाचल का भी जिक्र आया। प्रधानमंत्री ने किन्नौर के कल्पा में बच्चों की ओर से किए गए हर घर तिरंगा कार्यक्रम का जिक्र किया और स्पीति में मटर की खेती में ग्रामीणों के आपसी सहयोग की सामाजिक व्यवस्था को भी सराहा।
पीएम ने कांगड़ा जिले के देहरागोपीपुर का भी जिक्र किया, जहां 15 अगस्त का कार्यक्रम प्रवासी मजदूरों के बीच मनाया गया और उनमें से ही एक को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया। पीएम ने हिमाचल प्रदेश से मन की बात के श्रोता रमेश से मिले पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के जीवन से बहुत कुछ सिख सकते हैं। पहाड़ों की जीवन शैली व संस्कृति से पहला पाठ तो यही मिलता है कि हम परिस्थितियों के दबाव में न आकर आसानी से उनपर विजय भी प्राप्त कर सकते हैं और दूसरा हम कैसे स्थानीय संसाधनों से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
जिस पहली सीख् का मैने जिक्र किया उसका एक सुंदर चित्र इन दिनों स्पीति में देखने को मिल रहा है। स्पीति एक जनजातीय क्षेत्र है और यहां इन दिनों मटर तोड़ने का काम चल रहा है। पीएम ने कहा कि पहाड़ी खेतों पर एक मेहनत भरा व मुश्किल काम है लेकिन यहां महिलाएं एक साथ मिलकर एक-दूसरे के खेतों से मटर तोड़ती हैं और इस काम के साथ छपरा माझी छपरा…लोकगीत भी गाती हैं। यहां आपसी सहयोग भी लोक परंपरा का हिस्सा है। स्पीति में स्थानीय संसाधनों के सदुपयोग का भी बेहतरीन उदाहरण मिलता है। किसान गाय के गोबर को सुखाकर बोरियों में भर देते हैं। जब सर्दियां आती हैं तो इन बोरियों को गाय की रहने की जगह में बिछा दिया जाता है। बर्फबारी के बीच बोरियां गायों को ठंड से बचाती है। सर्दियां जाने के बाद यही गोबर खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यानि पशुओं के वेस्ट से ही उनकी सुरक्षा भी और खेतों के लिए खाद भी। खेती की लागत भी कम और खेत में उपज भी ज्यादा। इसलिए यह क्षेत्र इन दिनों प्राकृतिक खेती के लिए भी एक प्रेरणा बन रहा है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि यह कार्यक्रम बहुत जानकारीपूर्ण है और लोग इस कार्यक्रम को सुनना पसंद करते हैं। जिस तरह से हमारे प्रधानमंत्री ने पूरे देश को एकीकृत किया है वह अविश्वसनीय है। जम्वाल ने कहा कि पीएम मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारी में 13-15 अगस्त के बीच आयोजित हर घर तिरंगा अभियान को याद किया। उन्होंने अभियान को एक बड़ी सफलता प्रदान करने के लिए नागरिकों को दिल से धन्यवाद किया। अमृत महोत्सव का जश्न भारत में ही नहीं दुनिया के अन्य देशों में भी देखने को मिला। यह बात प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कही। जम्वाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अनुरोध किया है कि कुपोषण के खिलाफ वार्षिक ‘पोषण माह’ में नागरिकों को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। यह हर साल सितंबर में मनाया जाता है।