प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतसर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा प्रमुख बाबा गुरुदिंर सिंह ढिल्लों से मुलाकात की
अमृतसर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश जानें से पहले अमृतसर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात की. दोनों के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई. इसके बाद पीएम मोदी हिमाचल के लिए रवाना हो गए. यहां सुंदरनगर और सोलन में उन्हें जनसभा करनी थी. डेरा ब्यास प्रमुख से मुलाकात से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, ‘बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी के नेतृत्व में, आरएसएसबी कई सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे रहा है.’ हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान होना है और 8 दिसंबर को नतीजे आने हैं.
आपको बता दें कि राधा स्वामी सत्संग को डेरा बाबा जयमल सिंह के नाम से भी जाना जाता है. यह अमृतसर शहर से लगभग 45 किमी दूर ब्यास शहर में स्थित है. देश भर में और खासकर पंजाब, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश में इसके अनुयायी हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री की बाबा ढिल्लों से इस मुलाकात को कई मायनों में अहम बताया जा रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो इसके जरिए पीम मोदी हिमाचल में डेरा के अनुयायियों को खास राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं. इस साल पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी पीएम मोदी ने डेरा ब्यास प्रमुख से मुलाकात की थी.
क्या है डेरा ब्यास?
राधास्वामी डेरे का पंजाब के साथ हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में खास महत्व है. 130 साल पुराना राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक आध्यात्मिक केंद्र है. वर्तमान में दुनिया के 90 देशों तक डेरे का विस्तार है, इन देशों में डेरे के अनुयायी हैं. राधास्वामी डेरे की स्थापना 1891 में बाबा जैमल जी ने की थी. यह डेरा अराजनैतिक है, लेकिन सभी दलों के नेताओं का आना जाना यहां लगा रहता है. धर्मशाला के पालमपुर के परौर में डेरा ब्यास का सबसे बड़ा आश्रम है. इसकी जमीन को लेकर पिछले कई साल से विवाद चल रहा है. इसके अलावा सोलन में भी इसका बड़ा आश्रम है. इनमें पूर्व और मौजूदा मुख्यमंत्रियों के साथ ही विभिन दलों के दिग्गज नेता अक्सर आते रहते हैं.
कौन हैं गुरिंदर सिंह ढिल्लों?
बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों राधा स्वामी ब्यास के पांचवे प्रमुख हैं. पिछले 32 वर्षों से वह डेरा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनसे पहले बाबा जैमल सिंह (1891-1903), महाराज सावन सिंह (1903-1948), महाराज जगत सिंह (1948-1951), महाराज चरण सिंह (1951-1990) डेरा प्रमुख रहे चुके हैं. बाबा गुरिंदर सिंह का जन्म पंजाब के मोगा जिले में हुआ और शुरुआती दौर की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश में हुई. इनका परिवार खेती-किसानी से जुड़ा रहा है. वह उच्च शिक्षा के लिए पंजाब आए और पंजाब यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. बाबा गुरिंदर सिंह के 2 बेटे हैं गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों और गुरुकीरत सिंह ढिल्लों.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी धर्मशाला और सोलन के राधा स्वामी सत्संग में कई बार शिरकत कर चुके हैं. वह कई मौके पर डेरा ब्यास की तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि डेरा ब्यास हिमाचल में नौजवानों को नशा मुक्त करने के लिए बेहतरीन काम कर रहा है. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिवगंत नेता वीरभद्र सिंह ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी कैबिनेट की आखिरी बैठक में उन्होंने डेरे को दान में मिली अतिरिक्त जमीन बेचने की छूट देने का फैसला किया था. तब उन पर डेरा ब्यास के हित में फैसला करने का आरोप लगा था.