सेपू बड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा व्यंजनों में से एक है। मोदी जब भी हिमाचल आते हैं तो सेपू बड़ी का जिक्र करना नहीं भूलते।
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के प्रसिद्ध व्यंजन सेपू बड़ी का जायका अब औषधीय गुणों से भरा होगा। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा। सेपू बड़ी पथरी और मधुमेह को भगाने के साथ इम्युनिटी बढ़ाने में भी काम आएगी। सेपू बड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा व्यंजनों में से एक है। मोदी जब भी हिमाचल आते हैं तो सेपू बड़ी का जिक्र करना नहीं भूलते। उधर, सरदार पटेल विवि में सेवाएं दे चुकीं मंडी की वनस्पति विज्ञान विशेषज्ञ प्रो. डॉ. तारा सेन ठाकुर ने सेपू बड़ी का यह नया स्वरूप तैयार किया है।
उन्होंने पुरानी रेसिपी की फूड वैल्यू को बढ़ाने के लिए इसमें दूधी और पथरखार जैसे औषधीय गुणों से भरपूर जंगली पौधों को मिलाया है। पेटेंट एक्ट के 1970 के तहत उन्होंने इस विधि की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर पेटेंट के लिए आवेदन किया है। डॉ. तारा का कहना है कि महिला मंडलों को यह रेसिपी दी जाएगी। उनके माध्यम से इसे लोगों को उपलब्ध करवाया जाएगा। वर्तमान में महिला मंडल की सदस्य सुमित्रा सेन, सुंदरनगर से माया देवी और रुकमणि, नाचन से स्नेहा शर्मा सेपू बड़ी को लोगों तक पहुंचा रही हैं।
जंगली पौधे इस तरह कारगर
यूफोरबिया हिरटा को स्थानीय भाषा में दूधी भी कहा जाता है। इसमें मैग्नीशियम, जिंक, फासफोरस के अलावा विटामिन बी टू, सी और ई भी पाया जाता है। कलंचोए पिनाटा को स्थानीय भाषा में पथरखार कहते हैं। विटामिन ई ओर सी के साथ, कैलशियम और पोटाशियम होता है। इसमें फंगल, वायरल और माइक्रो बालोजिकल संक्रमण ठीक करने के गुण हैं। पथरी के इलाज में यह सहायक है। इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने और मधुमेह को कंट्रोल करने में भी सहायक है। इसमें एंटी कैंसर गुण भी होते हैं।
100 ग्राम पेस्ट (दूधी 70 ग्राम और पथरखार 30 ग्राम) को 400
ग्राम उड़द दाल की पेस्ट में मिलाने पर यह मिलेगी न्यूट्रीशियल वैल्यू
खनिज पदार्थ एकाग्रता/मिलीग्राम में
सोडियम 175.8
पोटैशियम 5536.27
कैल्शियम 116.94
लिथियम 39.44
नाइट्रोजन 1981.32
फासफोरस 241.89
सल्फर 1746.11
आयरन 82.82 मिलीग्राम
मैग्नीज 8.71
जिंक 5.44
कैरोटीन 297.44
विटामिन सी 91.18
इसे कहते हैं पेटेंट
पेटेंट एक ऐसा कानूनी अधिकार है, जो किसी व्यक्ति या संस्था को किसी विशेष उत्पाद, खोज, डिजाइन, प्रक्रिया या सेवा के ऊपर एकाधिकार देता है। पेटेंट प्राप्त करने वाले व्यक्ति के अलावा यदि कोई और व्यक्ति या संस्था इनका उपयोग (बिना पेटेंट धारक की अनुमति के) करता है तो ऐसा करना कानूनन अपराध माना जाता है।