दरोगा जयंत अपने बड़े भाई और दुकान मालिक बलवीर के साथ.
गया. कहते हैं कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, बस बड़ी सोच की जरूरत है. ईमानदार प्रयास और कामयाबी पाने के लिए जरूरी जुनून के दम पर जब बड़ी सफलता हासिल होती है, तो फिर सारे संकोच कोसों पीछे छूट जाते हैं. सामने होती है तो सिर्फ सफलता की कहानी, जो दूसरों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. अपनी लगन और मेहनत से गया जिले के शेरघाटी रोड के चेरकी दरियापुर के जयंत ने दारोगा बहाली की परीक्षा पास की है. उसकी इस सफलता के पीछे उसके बड़े भाई बलवीर पकौड़े वाला का हाथ है. कभी बेरोजगार रहने वाला बलवीर खुद का खर्च उठाने की स्थिति में नहीं था, लेकिन आज कुल्हड़ वाली चाय और पकौड़ा बेचकर उसने न सिर्फ अपने छोटे भाई को दारोगा बनवाया बल्कि घर का खर्च उठाने के साथ-साथ उसने चार अन्य बेरोजगारों को भी काम दिया हुआ है.
इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद करीब चार साल पहले रोजगार की तलाश में बलवीर कोलकाता चला गया. वहां कुछ दिन प्राइवेट कंपनी में काम करने के बाद अच्छी नौकरी नहीं मिली तो पुनः अपने घर वापस आ गया.घर-परिवार चलाने के लिए आगे क्या करें, यह सोचकर वह परेशान रह रहा था. उन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर बनने के लिए दिए जाने वाले भाषणों को सुनकर वह प्रेरित हुआ. बस फिर क्या, बलवीर ने अपने गांव में ही ‘आत्मनिर्भर भारत मोदी जी चाय-पकौड़ा’ की दुकान खोल ली. आज इससे अच्छी खासी कमाई हो रही है