गुजरात में 15वीं विधानसभा चुनावों में दौरान पीएम मोदी ही छाए रहे। 365 दिन इलेक्शन मोड़ में रहने वाली बीजेपी ने यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में जीत के बाद ही मिशन गुजरात का आगाज कर दिया था। पार्टी ने पीएम मोदी की लोकप्रियता को पूरा फायदा उठाया। इसके चलते चुनाव प्रचार के केंद्र में एक बार फिर से पीएम मोदी ही रहे।
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी ने 11 मार्च को अहमदाबाद से गांधीनगर तक रोड शो किया था
- इसके बाद पीएम ने गुजरात से जुड़े कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति रखी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो महीने में 61 कार्यक्रमों में शिरकत की
- पीएम की सक्रियता से विपक्षी दलों को मीडिया में कवरेज नहीं मिल पाई
60 दिन में 61 कार्यक्रम
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने गुजरात चुनावों से पहले पूरी चर्चा को खुद के इर्द-गिर्द समेट दिया है। इसकी बड़ी वजह रही पीएम मोदी की गुजरात में सक्रियता। पीएम मोदी ने बीते दो महीने में 61 कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, इनमें ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन कार्यक्रम शामिल रहे। सरकारी और पार्टी से जुड़े कार्यक्रम में पीएम मोदी के मौजूद रहे। इससे माहौल एक बार फिर मोदीमय हो गया। 30 अक्तूबर को जब मोरबी में ब्रिज हादसा हुआ तो भी पीएम मोदी ने पूर्व निर्धारित सभी कार्यक्रमों को रद्द नहीं किया। इस दौरान अहमदाबाद में एक प्रस्तावित एक रोड को रद्द किया। बाकी कार्यक्रम यथावत रहे और प्रधानमंत्री ने सभी कार्यक्रमों में उपस्थिति दर्ज कराई। इन कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद वे मोरबी पहुंचे और हादसे के बाद की तमाम चीजों को देखा। पीड़ितों से मिले और मदद के निर्देश दिए। इस दौरान पीएम मोदी की आलोचना हुई। पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला से लेकर कांग्रेस और आप ने निशाना साधा, लेकिन पीएम मोदी ने इसे कर्तव्य से जोड़ दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि जनमानस में इसका उलटा असर नहीं पड़ा।
27 दिन में की 38 सभाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्य में बीजेपी की सातवीं जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचंड प्रचार किया। पीएम ने अपना चुनावी अभियान वलसाड से 6 नवंबर को शुरू किया। पीएम मोदी ने इसके बाद 2 दिसंबर तक कुल 38 चुनावी सभाओं को संबोधित किया। मोदी ने इस दौरान चार बड़े रोड शो किए। इसमें सूरत और अहमदाबाद के बड़े रोड शो शामिल रहे। पीएम मोदी ने अहमदाबाद में लगातार दो दिन में दो रोड शो किए। इसमें 49 किलोमीटर का सबसे बड़ा रोड शो शामिल रहा। इसके जरिए पीएम मोदी ने अहमदाबाद की 13 विधानसभाओं को कवर किया। दूसरे दिन तीन और विधानसभाओं को कवर किया। पीएम मोदी ने अपने चुनाव प्रचार से राज्य की 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों को सीधे तौर पर कवर किया। राजकोट, वडोदरा और वलसाड और सूरत में पीएम मोदी कई कार्यक्रम हुए।
फिर संकटमोचक बने पीएम मोदी
27 सालों की एंटी इनकमबेंसी के बाद प्रदेश की सत्ता में बरकरार बीजेपी को पीएम मोदी (Narendra Modi) के दौरों से अभूतपूर्व फायदा हुआ। मीडिया में निगेटिव कवरेज की जगह पर पीएम मोदी (Narendra Modi) छाए रहे। इसका सरकार और संगठन दोनों को फायदा हुआ। मोरबी का जब बड़ा हादसा हुआ तो पीएम (Narendra Modi)की सक्रियता और उनके दौरे ने पार्टी को संकट से निकाला। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को पीएम के दौरों के चलते मीडिया में अधिक कवरेज नहीं मिल पाई। पीएम मोदी ने गुजरात विकास और आंतकवाद के इर्द-गिर्द अपने चुनावी अभियान को केंद्रित रखा। आखिरी दौर में कांग्रेस की तरफ आई फुलटॉस बॉल का भी उन्हाेंने फायदा उठाया और कहा कांग्रेस मुझसे नफरत करती है। इसलिए कांग्रेस के नेता अपशब्द बोलते हैं। बाद में उन्होंने इस मुद्दे को अपमान से जोड़ा। पीएम मोदी (Narendra Modi) ने डबल इंजन की सरकार, सपना साकार, तेज विकास। भूपेन्द्र तोड़ें नरेंद्र का रिकॉर्ड समेत ये गुजरात हमने बनाया है से लेकर जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिलने तक की बातों का उल्लेख अपने भाषणों में किया। पीएम मोदी की सभाओं और रोड शो में महिलाओं की मौजूदगी अच्छी-खासी रही।