पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला: बिहार से पकड़ा गया मास्टरमाइंड अरविंद कुमार

हिमाचल प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले पर News 18 की खबर पर मुहर लगी है. पुलिस ने इस मामले के मास्टरमाइंड अरविंद कुमार को बिहार से गिरफ्तार कर लिया है. News 18 से सूत्रों ने जानकारी दी थी कि इस मामले का किंग पिन बिहार का है और उसे एसआईटी ने पकड़ लिया है. अब  पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में इसकी पुष्टि की गई है.

पुलिस मुख्यालय से दी गई जानकारी के अनुसार, बिहार के नवादा जिले के कावाकोल का रहने वाला 42 वर्षीय अरविंद कुमार पूरे मामले का मास्टरमाइंड है. पुलिस का ये पेपर प्रिटिंग प्रेस से लीक हुआ था. इसके साथ अन्य 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि पुलिस ने ये नहीं बताया कि किस प्रिंटिंग प्रेस से ये पेपर लीक हुआ है और ये प्रिंटिंग प्रेस कहां पर है. प्रिंटिंग प्रेस में पार्ट टाइम वर्कर 40 वर्षीय सुधीर यादव को गिरफ्तार किया गया है, ये बिहार के नवादा जिले के अकबरपुर का रहने वाला है.

पुलिस मुख्यालय से दी गई जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए सुधीर यादव जोकि प्रिंटिंग प्रेस में पार्ट वर्कर है, ने मार्च महीने इस पेपर को लीक किया. सुबोध सिंह, भरत यादव और अरविंद कुमार के कहने पर सुधीर यादव ने गोरे लाल के जरिए ये पेपर गौतम कुमार भारती को दिया.

दिल्ली में सेक्योरिटी गार्ड है गोरेलाल 

गोरेलाल जो दिल्ली के ओखला में एक निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड है, इसने सुबोध सिंह, भरत यादव और अरविंद कुमार के कहने पर पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती का पेपर गौतम कुमार भारती को दिया. अन्य आरोपी गौतम कुमार ने गोरे लाल से पेपर खरीदा था. गोरेलाल और भरत यादव रिश्ते में भाई हैं. सुबोध कुमार इन सबके बीच बिचौलिए की भूमिका ने था और अरविंद कुमार इस मामले का मास्टर माइंड है. और इसी ने पेपर लीक करने की साजिश रची. पुलिस मुख्यालय ने ये दावा किया है. ये सभी पेपर लीक करने वालों की मुख्य कड़ियां हैं.

अब तक 121 लोगों की गिरफ्तारी

इस केस में में अब तक 121 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें से 85 अभ्यर्थी, 3 अभ्यर्थियों के पेरेंट्स और 33 एजेंट्स गिरफ्तार किये गये हैं. इनमें 15 हिमाचल के रहने वाले और बाकी अन्य राज्यों के निवासी हैं. अब तक एजेंट्स से 10 लाख 34 हजार 900 रुपये कैश, 6 हजार नेपाली करंसी, 6 गाड़ियां, 154 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप जब्त किए गए हैं.

इसके अलावा एक डीवीआर, 10 हार्ड डिस्क, 1 पेन ड्राइव, 3 मेमोरी कार्ड, 1 वाई-फाई, 6 अभ्यर्थियों के ओरिजनल सर्टिफिकेट, 2 अकाउंट पासबुक, 2 चैकबुक, ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए पैसों का रिकार्ड, 3 पेन कार्ड, 2 आधार कार्ड, 7 एटीएम, 1 हाजिरी रजिस्टर, एक रफ कॉपी, 3 विजिटर रजिस्टर, पहचान पत्र, 1 डायरी, हवाई जहाज के टिकट की फोटो कॉपी, व्हट्स एप्प चैट के स्क्रीन शॉट, एक डिजिटल वॉच, 3 पन्नों का रेंट एग्रिमेंट, दिशा कोचिंग  के अग्रिमेंट की एक कॉपी, एक वोटर आई कार्ड के साथ-साथ एक ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किया गया है.

दो कोचिंग सेंटर पुलिस की रडार पर इस मामले में कांगड़ा जिले के दो कोचिंग सेंटर पुलिस की रडार पर हैं, इसके अलावा भास्कर कोचिंग सेंटर, रोहतक, ऊना पुलिस के राडार पर है. इस पूरे मामले में हिमाचल समेत बिहार, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली की गैंग शामिल हैं. बता दें कि इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश राज्य सरकार चुकी है लेकिन 15 दिन बीतने के बाद भी सीबीआई जांच शुरू नहीं हो पाई है और न ही इस बारे में राज्य सरकार की ओर से कोई जानकारी दी गई है. इस मामले पर विपक्ष दलों ने भी राज्य सरकार और पुलिस पर जमकर सवाल उठाए हैं.