पुलिस ने सुलझाई गुत्थी: प्रोफेसर ने जेओए परीक्षा से 25 मिनट पहले लीक किया था पेपर, गिरफ्तार, पढ़ें पूरा मामला

प्रश्नपत्र लीक होने की गुत्थी 12 घंटों के भीतर सुलझाने के बाद सोमवार को एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पेपर सुनियोजित ढंग से नेरचौक स्थित अभिलाषी बीएड कॉलेज में बने परीक्षा केंद्र से लीक किया गया था।
एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री।
एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री। – फोटो : अमर उजाला

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जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी सीरीज बी का प्रश्नपत्र हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में नेरचौक स्थित अभिलाषी बीएड कॉलेज में बने परीक्षा केंद्र के उप अधीक्षक प्रोफेसर गोपाल कुमार ने लीक किया था। बीते रविवार को हुई परीक्षा से 25 मिनट पहले गोपाल ने पेपर लीक किया और क्लर्क ने इसे अभ्यर्थी तक पहुंचाया था। पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अब तक सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ये सभी आपस में रिश्तेदार और दोस्त हैं। सभी को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।  प्रश्नपत्र लीक होने की गुत्थी 12 घंटों के भीतर सुलझाने के बाद सोमवार को एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने मीडिया से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि पेपर सुनियोजित ढंग से नेरचौक स्थित अभिलाषी बीएड कॉलेज में बने परीक्षा केंद्र से लीक किया गया था। साजिश परीक्षा से चार दिन पहले रची गई थी। प्रोफेसर ने पेपर लीक किया और बाहर बैठे साथियों ने अपने फोन के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर गूगल सर्च इंजन पर ढूंढे। सवालों के जवाब एमएसएलएम कॉलेज सुंदरनगर में तैनात क्लर्क बलवंत सिंह के माध्यम से अभ्यर्थी राकेश कुमार तक पहुंचाए गए। नकल करते हुए पकड़ा गया अभ्यर्थी राकेश कुमार अभिलाषी कॉलेज में ही क्लर्क के पद पर तैनात है और प्रोफेसर गोपाल का घनिष्ठ दोस्त है। आरोप है कि दोनों ने अपनी जान-पहचान के पांच लोगों की मदद से पूरे प्रकरण को अंजाम दिया, जिसमें एमएसएलएम कॉलेज में तैनात क्लर्क भी शामिल है। 

10 मोबाइल फोन जब्त, डाटा रिकवर
आरोपियों के मोबाइल फोन इस गुत्थी को सुलझाने में अहम कड़ी साबित हुए हैं। पुलिस ने 10 मोबाइल फोन, एमओआर शीट और बाहर से भरकर लाई गई आंसर शीट को जब्त किया है। डाटा भी रिकवर कर लिया है। सभी मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। 

यह है मामला
बीते रविवार को प्रदेश भर में 517 केंद्रों में जेओए आईटी की परीक्षा ली गई। इसी बीच सुंदरनगर निजी एमएलएसएम कॉलेज के परीक्षा केंद्र में नकल करते अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया। सुंदरनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की और 12 घंटों के भीतर इस गुत्थी को सुलझा लिया। 300 पदों के लिए प्रदेश भर से सवा लाख अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया था। फिलहाल इस परीक्षा को रद्द नहीं किया गया है। सरकार जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।  

आंसर चिट इस तरह पहुंची परीक्षार्थी तक

 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी परीक्षा के पेपर लीक मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है कि आंसर चिट परीक्षार्थी तक कैसे पहुंची। पुलिस के मुताबिक क्लर्क बलवंत परीक्षा केंद्र पहुंचा और परीक्षार्थी राकेश को बाहर आने का इशारा किया। राकेश ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर शौच जाने का आग्रह किया। इनवीजिलेटर (निरीक्षक) ने उसे एक कर्मचारी के साथ शौचालय जाने की इजाजत दे दी। जहां बलवंत ने आंसर चिट को राकेश को दे दिया। राकेश चिट को अंदर लेकर चला गया और नकल करने लगा, लेकिन उसे स्टाफ ने पकड़ लिया। चार दिन पहले लिखी स्क्रिप्ट के अनुसार शनिवार को ही  एमएलएसएम कॉलेज परीक्षा केंद्र में क्लर्क बलवंत सिंह गांव बल्ह तहसील बंगाणा ने राकेश को सिटिंग प्लान की जानकारी दी।

रोलनंबर के आधार पर पेपर सीरीज का पता लगाया गया, जिसकी जानकारी नेरचौक परीक्षा केंद्र के उप अधीक्षक प्रो. गोपाल कुमार को दी गई। योजना के अनुसार गोपाल कुमार ने परीक्षा शुरू होने से पच्चीस मिनट पहले पेपर व्हाट्सएप के माध्यम से परीक्षार्थी राकेश कुमार को भेज दिया। राकेश कुमार ने यह पेपर बाहर अपने परिचित संजीव कुमार निवासी सलवाहन बल्ह और विवेक उर्फ विक्की निवासी रिंज मंडी को भेजे। तीनों जोगिंदर कुमार निवासी रिंज मंडी की मदद से गूगल सर्च कर उत्तर ढूंढने लगे। अन्य आरोपी अनित भी परीक्षा दे रहा था और राकेश का परिचित था। अनित ने पेपर देखकर कुछ आंसर गूगल से सर्च कर याद कर लिए थे और फिर सुंदरनगर के महावीर स्कूल में परीक्षा दी। राकेश भी परीक्षा देने चला गया। संजीव और विवेक ने गूूगल पर सर्च करने के बाद प्रश्नपत्र की आंसर-की चिट पर बनाई और क्लर्क बलवंत तक पहुंचाई।