भले ही अक्तूबर के महीने में प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला के तापमान में काफी गिरावट आई हो लेकिन दूसरी तरफ बात धर्मशाला की राजनीति की करें तो इस वक्त सियासी पारा काफी गर्माया हुआ है। जी हां, बात हिमाचल के विधानसभा चुनावों की हो रही है, जिसमें…
धर्मशाला: भले ही अक्तूबर के महीने में प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला के तापमान में काफी गिरावट आई हो लेकिन दूसरी तरफ बात धर्मशाला की राजनीति की करें तो इस वक्त सियासी पारा काफी गर्माया हुआ है। जी हां, बात हिमाचल के विधानसभा चुनावों की हो रही है, जिसमें भाजपा प्रत्याशियों को वितरित की गई टिकटों को लेकर प्रदेशभर में काफी बबाल मचा हुआ है। स्मार्ट सिटी धर्मशाला धर्मशाला में टिकट आबंटन को लेकर काफी गहमागहमी चली हुई है। बता दें कि 12 नम्बवर को होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर जिस तरह से भाजपा हाईकमान द्वारा धर्मशाला से युवा विधायक विशाल नैहरिया की टिकट काट कर राकेश चौधरी की झोली में डाली है और इस बात पर भाजपा मंडल से हर कोई विरोध कर रहा है। इसी कड़ी में धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया की टिकट किसी और को दिए जाने के विरोध में धर्मशाला भाजपा मंडल के अध्यक्ष अनिल चौधरी समेत भाजपा के 7 मोर्चों से तमाम पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।
विशाल नैहरिया को टिकट नहीं दी तो खमियाजा भुगतने तैयार रहे सरकार
कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर भाजपा हाईकमान अपना फैसला नहीं बदलती है तो इस बार सरकार जो बार-बार मिशन रिपीट करने की बात कर रही है वो नहीं कर पाएगी। बता दें कि जब से धर्मशाला विधानसभा की टिकट राकेश चौधरी को देने के बाद से धर्मशाला मंडल लगातार धरने कर रहा है। इतना ही नहीं, अपने इस्तीफे देते हुए भाजपा मंडल अध्यक्ष अनिल चौधरी, पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर सरकार को नैहरिया की टिकट काटनी ही थी तो भाजपा मंडल के किसी और कार्यकर्ता को टिकट दे सकती थी लेकिन सरकार ने ऐसा न कर उस व्यक्ति को टिकट दी, जिसका भाजपा से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। भाजपा मंडल धर्मशाला के अध्यक्ष ने कहा है कि अगर सरकार 25 अक्तूबर तक टिकट विशाल नैहरिया को नहीं देती है तो इसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।