राजनीति: मंडी सदर में सुखराम का चक्रव्यूह तोड़ना भाजपा के लिए चुनौती, जानें पूरा मामला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद सदर की कमान संभाले रखी। शिवधाम, विश्वविद्यालय, मंडी को नगर निगम का दर्जा और 24 घंटे पानी की सुविधा जनता को दी। जो मांगा, सरकार से मिला, लेकिन भाजपा पंडित सुखराम की राजनीति के चक्रव्यूह को तोड़ने में नाकाम रही।

विधायक अनिल शर्मा ने मेले के समापन पर बजाया नगाड़ा।

हिमाचल प्रदेश के मंडी सदर में दिवंगत पंडित सुखराम का सियासी चक्रव्यूह तोड़ना भाजपा के लिए चुनौती से कम नहीं होगा। यदि अनिल शर्मा की कांग्रेस में घर वापसी होती है तो भाजपा में डैमेज कंट्रोल करने की तैयारी नाकाफी है। पांच साल तक भाजपा यहां नया चेहरा नहीं उभार सकी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद सदर की कमान संभाले रखी। शिवधाम, विश्वविद्यालय, मंडी को नगर निगम का दर्जा और 24 घंटे पानी की सुविधा जनता को दी। जो मांगा, सरकार से मिला, लेकिन भाजपा पंडित सुखराम की राजनीति के चक्रव्यूह को तोड़ने में नाकाम रही

पंडित सुखराम ने अपने और अपने परिवार के अलावा मंडी से कोई बड़ा राजनीतिक चेहरा उभरने नहीं दिया। मंडी सदर में सुखराम परिवार का ही वर्चस्व रहा है। लिहाजा, इस परिवार के वोट बैंक की ताकत को भी नकारा नहीं जा सकता। अब पंडित सुखराम के देहांत के बाद परिस्थितियां भी ऐसी हैं। उनके बेटे अनिल शर्मा सदर से भाजपा विधायक हैं। खटपट के बावजूद वह पार्टी में डटे हैं। पोते आश्रय शर्मा कांग्रेस में पकड़ बनाए हुए हैं। 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस में सक्रिय हैं। कांग्रेस के पास विकल्प काफी हैं, लेकिन भाजपा के पास सदर से ऐसा विकल्प अब तक नहीं है। ऐसे में भाजपा किस कद्दावर नेता को मंडी सदर में उतारे, यह भी चर्चा में है।
2017 में विधानसभा चुनावों से पहले अनिल ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामा। सुखराम परिवार के भाजपा के हाथ थामते ही जिस सीट पर अरसे से कांग्रेस का कब्जा रहा, वह उसे गंवानी पड़ी।  इस जीत के बाद अनिल शर्मा को भाजपा में मंत्री पद मिला। 2019 के लोकसभा चुनावों में सुखराम के पोते आश्रय शर्मा को कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद अनिल ने भाजपा से दूरियां बना लीं। चुनाव प्रचार अभियान में वह भाजपा के साथ नहीं दिखे। आश्रय चुनाव बुरी तरह से हारे, उसके बाद अनिल शर्मा की भाजपा से खटपट शुरू हो गई।

अब 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले अनिल शर्मा की कांग्रेस में वापसी की फिर से अटकलें तेज हो गई हैं। कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं से मिलकर वह अपनी बात रख चुके हैं। चुनावों से पहले अनिल शर्मा कहां का रुख करेंगे, इस पर सबकी निगाहें हैं। विधायक अनिल शर्मा का कहना है कि जो भी निर्णय लूंगा, सोच समझ कर ही लूंगा। जिला भाजपा अध्यक्ष रणबीर ठाकुर ने कहा कि मंडी सदर पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नजर है। यहां भाजपा को किसी सूरत में कमजोर नहीं होने दिया जा सकता। मुख्यमंत्री के विकास कार्यों के दम पर भाजपा फिर से मंडी में जीत हासिल करेगी।