ताजनगरी में बेहद खतरनाक स्तर पर प्रदूषण, दमघोंटू हो गई 10 जगह की हवा, एक्यूआई 400 पार

शहर में वाहनों, कचरा जलाने और गड्ढे वाली सड़कों से उड़ते धूल कणों के कारण ताजनगरी की हवा जहरीली हो गई हैं। प्रदूषण के कारण अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

आगरा में छाई धुंध
आगरा में छाई धुंध

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में सांस रोग के मरीजों की संख्या प्रदूषण के कारण बढ़ रही है। दरअसल, शहर की हवा दमघोंटू हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में आगरा का औसतन एक्यूआई 231 है। इनमें शहर के 10 ऐसे इलाके हैं, जहां प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर है।

पहली बार शहर में 10 जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंचा है। इनमें फतेहाबाद रोड स्थित अमर होटल के पास और ट्रांसपोर्ट नगर का आईएसबीटी शुक्रवार को भी सबसे प्रदूषित रहा। अति सूक्ष्म पीएम 2.5 कणों की संख्या 831 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गई जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है और मानक से करीब 14 गुना ज्यादा है।

छिड़काव की पोल खोल रहे पेड़

नगर निगम, जलनिगम, नेशनल हाईवे अथॉरिटी और एडीए के अधिकारी डीएम को छिड़काव की रिपोर्ट भेज रहे हैं। उनकी पानी के छिड़काव की पोल सड़क किनारे लगे पेड़ों पर जमा धूल ने खोल दी है। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक हाईवे, फतेहाबाद रोड, आवास विकास कॉलोनी, बोदला सिकंदरा रोड, अवधपुरी, शास्त्रीपुरम, ट्रांसपोर्ट नगर, खंदारी, सिकंदरा, दयालबाग क्षेत्र में पेड़ों पर धूल की मोटी परत जमा है, जबकि अधिकारी पानी का छिड़काव कराने और स्प्रिंकलर के इस्तेमाल का दावा लगातार कर रहे हैं।

जलनिगम की ओर से आवास विकास में सीवर लाइन और जलनिगम विश्व बैंक इकाई की ओर से अलबतिया रोड पर शंकरगढ़ पुलिया से बालाजीपुरम मोड़ तक बिछाई गई पानी की लाइन के कारण धूल के गुबार उठ रहे हैं। यहां भी पानी का छिड़काव नहीं किया गया।

जगह             – एक्यूआई
अमर होटल    – 477
आईएसबीटी   –  453
यमुना किनारा  –  445
जीपीओ       –  422
राजा मंडी  –  421
शाहगंज  –  419
बाग फरजाना –   414
शमशान घाट  –  414
संजय प्लेस  –  410
नामनेर  –  408

कभी मशीन से सफाई होती नहीं देखी

नेशनल चैंबर के पूर्व उपाध्यक्ष संजय गोयल ने बताया कि गुरुद्वारा गुरू का ताल और आईएसबीटी पर केवल जाम और कचरा जलाने के कारण प्रदूषण ज्यादा है। ट्रैफिक नियंत्रित कर दिया जाए तो लोगों की दिक्कतें कम हो जाएं। टीपी नगर में धूल के गुबार हैं। हमने कभी यहां मशीन से सफाई होते हुए नहीं देखी।

सख्त कदम उठाने की जरूरत

चिकित्सक डॉ. सजंय चतुर्वेदी ने बतााय कि प्रदूषण के कारण शहर के हालात ठीक नहीं है। तत्काल राहत के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यहां समस्या पीएम कणों की है, उसी के मुताबिक योजना बनाएं। लोगों पर प्रदूषण का बुरा असर पड़ रहा है।

कमिश्नर अमित गुप्ता ने कहा कि नगर निगम, एडीए, नेशनल हाईवे, मेट्रो समेत सभी निर्माण एजेंसियों को प्रदूषण नियंत्रण के उपाय सख्ती से करने को कहा गया है। सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाएं, अन्यथा प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।