Pope Francis: पोप फ्रांसिस ने कनाडा में मांगी माफी, जानें सबसे बड़े ईसाई धर्मगुरु ने क्यों कहा चर्च घुटने टेकता है?

Pope Francis: पोप फ्रांसिस कनाडा की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने माफी मांग कर अपनी यात्रा की शुरुआत की। पोप फ्रांसिस ने कनाडा के आवासीय स्कूलों में हुए मूल निवासी बच्चों पर अत्याचार में चर्च के सहयोग को लेकर क्षमा मांगी। उन्होंने कहा, ‘इस भयानक बुराई के लिए चर्च ईश्वर के सामने घुटने टेकता है और अपने पाप के लिए उनसे क्षमा मांगता है।’

 
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पोप फ्रांसिस।
ओटावा: पोप फ्रांसिस कनाडा पहुंचे हैं। सोमवार को उन्होंने यहां आवासीय स्कूलों में मूल निवासियों पर हुए अत्याचार में चर्च के सहयोग को लेकर माफी मांगी है। पोप ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार को लेकर कैथोलिक चर्च की भूमिका पर अपने दुखी, आक्रोश और शर्मिंदा होने की बात कही। इसके साथ उन्होंने एक हफ्ते की अपनी कनाडा यात्रा की शुरुआत की। पोप फ्रांसिस ने सोमवार को अल्बर्टा के एडमोंटन में स्वदेशी लोगों को संबोधित करते हुए मामले की गंभीरता से जांच कराने का वादा किया।
कनाडा के मूल निवासी लंबे समय से बच्चों की मौत के लिए पोप से माफी की मांग कर रहे थे। आवासीय स्कूलों में मूल निवासी बच्चों को दुर्वयवहार का सामना करना पड़ा था। पोप फ्रांसिस ने सोमवार को अल्बर्टा के एडमोंटन में मूल निवासी लोगों को संबोधित किया। इस दौरान पोप ने मूल निवासी लोगों की तरह दिखने के लिए सिर पर एक हेडड्रेस भी पहना। पोप फ्रांसिस ने मूल निवासी बच्चों के कब्रिस्तान का दौरा किया और वहां प्रार्थना की।

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क्या बोले पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस ने कहा, ‘मैं आवासीय विद्यालयों में बच्चों की मौत के लिए माफी मांगता हूं। खास तौर पर जिस तरह चर्च और धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने उनका सहयोग किया, कम से कम अपनी उदासीनता के जरिए ही। उस समय की सरकारों की प्रचारित सांस्कृतिक विनाश की नीतियों के चलते आवासीय विद्यालय की घटना सामने आई।’ पोप ने बच्चों पर शारीरिक, मौखिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक शोषण का हवाला देते हुए कहा, ‘मैं स्वदेशी लोगों पर कई ईसाइयों द्वारा की गई बुराई के लिए विनम्रता पूर्वक क्षमा मांगता हूं।’

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क्या होता था आवासीय विद्यालय में
पिछले साल कनाडा में सैकड़ों अज्ञात बच्चों की कब्र मिली थी। कनाडा के सत्य और सुलह आयोग की ओर से कुछ साल पहले आई रिपोर्ट में बताया गया था कि आवासीय विद्यालयों में उपेक्षा या दुर्व्यवहार के कारण लगभग 4,000 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। ये आवासीय विद्यालय कई कैथोलिक चर्च द्वारा चलाए जा रहे थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक 19वीं सदी की शुरुआत से 1970 तक इन स्कूलों में मूल निवासी बच्चों को लाया जाता था और उन पर ईसाई बनने का दबाव बनाया जाता था। पोप ने कहा, ‘इस भयानक बुराई के लिए चर्च ईश्वर के सामने घुटने टेकता है और अपने पाप के लिए उनसे क्षमा मांगता है।’