पीठ पर डाक, बर्फ-ग्लेशियरों के बीच 30 किमी की पैदल यात्रा, हिमाचल के प्रेम लाल को मिला मेघदूत सम्मान

मंडी. आज के इस दौर में जब आप घर के पास वाली दुकान तक जाने के लिए भी अपनी स्कूटी का सहारा लेते हैं, और आपको कोई ऐसी सरकारी नौकरी मिले, जिसमें आपको रोजाना बोझा उठाकर 30 किमी का सफर तय करना हो, तो क्या आप ऐसी नौकरी करना पसंद करोगे, शायद नहीं. लेकिन हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे निष्ठावान कर्मचारी हैं, जो ऐसी नौकरी को हंसी-खुशी करते हैं. वे ये नहीं देखते कि उन्हें इसके बदले में कितना वेतन मिल रहा है, आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे हालही में भारत सरकार ने मेघदूत के अवार्ड से सम्मानित किया है.मंडी. आज के इस दौर में जब आप घर के पास वाली दुकान तक जाने के लिए भी अपनी स्कूटी का सहारा लेते हैं, और आपको कोई ऐसी सरकारी नौकरी मिले, जिसमें आपको रोजाना बोझा उठाकर 30 किमी का सफर तय करना हो, तो क्या आप ऐसी नौकरी करना पसंद करोगे, शायद नहीं. लेकिन हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे निष्ठावान कर्मचारी हैं, जो ऐसी नौकरी को हंसी-खुशी करते हैं. वे ये नहीं देखते कि उन्हें इसके बदले में कितना वेतन मिल रहा है, आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे हालही में भारत सरकार ने मेघदूत के अवार्ड से सम्मानित किया है.